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20-05-2025 Vol 19

प्रीति शर्मा के नेतृत्व में प्रजना फाउंडेशन की बगरू में मासिक धर्म जागरूकता की अलख

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प्रीति शर्मा के सशक्त नेतृत्व में प्रजना फाउंडेशन (Women menstrual health) ने बगरू के पास स्थित आशियाना उमंग सोसाइटी में एक महत्वपूर्ण मासिक धर्म जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समाज के उस वर्ग की महिलाओं को जागरूक करना था, जो अक्सर ऐसी संवेदनशील और जरूरी जानकारी से वंचित रह जाती हैं।

खासकर, सोसाइटी में कार्यरत माली, सफाईकर्मी और घरेलू सहायिकाओं को ध्यान में रखते हुए इस सत्र का आयोजन किया गया, ताकि वे मासिक धर्म (Women menstrual health) से जुड़ी सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को समझ सकें।

इस सत्र का नेतृत्व प्रजना फाउंडेशन (Women menstrual health) की संस्थापक और चेयरपर्सन प्रीति शर्मा ने किया, जिन्होंने सहज और सरल भाषा में महिलाओं से संवाद करते हुए उन्हें बताया कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक स्वाभाविक जैविक प्रक्रिया है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान स्वच्छता बनाए रखना न केवल शरीर के लिए आवश्यक है, बल्कि यह आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बनाए रखने में भी सहायक होता है।

Women menstrual health

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प्रीति शर्मा ने सामाजिक वर्जनाओं और मिथकों पर खुलकर चर्चा की, और जोर देकर कहा कि माहवारी कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि इसे सामान्य रूप में स्वीकारना और इसके बारे में खुलकर बात करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन के सही इस्तेमाल, उनके निस्तारण के सुरक्षित तरीकों और मासिक धर्म के दौरान पोषण एवं स्वच्छता से जुड़ी अन्य अहम बातों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यशाला के दौरान एक इंटरएक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं को अपने अनुभव साझा करने और सवाल पूछने का अवसर मिला। इस खुले मंच ने कई महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखने की प्रेरणा दी।

प्रजना फाउंडेशन द्वारा किए गए इस प्रयास की स्थानीय महिलाओं और सोसाइटी के अन्य सदस्यों द्वारा खुले दिल से सराहना की गई। यह पहल न सिर्फ मासिक धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि जब संवेदनशीलता और समझदारी के साथ समाज के उपेक्षित वर्गों तक जानकारी पहुंचाई जाती है, तो सकारात्मक बदलाव संभव है।

इस सफल आयोजन के साथ, प्रजना फाउंडेशन ने यह संदेश भी दिया कि महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए सामाजिक संवाद और जागरूकता आवश्यक है, और इस दिशा में संस्था भविष्य में भी इसी तरह की पहलों को जारी रखेगी।

लड़कों को माहवारी की जानकारी देना आवश्यक

यह कार्यक्रम एक सशक्त पहल के रूप में उभरा, जहाँ समाज में वर्जित माने जाने वाले विषयों पर खुलकर चर्चा की गई। इस अवसर पर हमारे साथ रेशु गोयल जी भी उपस्थित रहीं, जो कि एक अनुभवी चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के साथ-साथ एक सफल उद्यमी भी हैं।

वे डीफाइन (Dfine) नामक एक सराहनीय स्टार्टअप की संस्थापक हैं, जिसके माध्यम से वे मासिक धर्म (Women menstrual health) स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषयों पर लोगों को जागरूक करती हैं।

उन्होंने न सिर्फ अपने प्रेरणादायक अनुभव साझा किए, बल्कि यह भी बताया कि कैसे सही जानकारी और उचित उत्पादों की मदद से मासिक धर्म को एक सामान्य, स्वाभाविक और सम्मानजनक विषय बनाया जा सकता है।

रेशु गोयल जी का यह दृष्टिकोण, कि जागरूकता और शिक्षा से बदलाव लाया जा सकता है, सभी प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।

इसके साथ ही प्रजना फाउंडेशन में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्यरत प्राची खंडेलवाल ने महिलाओं को माहवारी के दौरान आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।

मासिक धर्म शर्म का विषय नहीं (Women menstrual health)

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब महिलाएं स्वयं इस विषय पर खुलकर बात करेंगी, तभी समाज में बदलाव संभव होगा। उन्होंने युवतियों से संवाद के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि यह कोई शर्म का विषय नहीं, बल्कि एक जैविक प्रक्रिया है, जिसे समझना और स्वीकारना आवश्यक है।

कार्यशाला में मणिपाल विश्वविद्यालय से डॉ. नीतू गुप्ता जी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उनके साथ किशोरी क्लब की सदस्याएं भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।

क्लब की वाइस प्रेसिडेंट नेहा रवानी ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात रखते हुए कहा कि सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, बल्कि लड़कों को भी माहवारी की सही जानकारी देना उतना ही आवश्यक है — और इस जागरूकता की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए।

कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना था, बल्कि समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर कर, एक समावेशी और संवेदनशील वातावरण का निर्माण करना भी था।

सभी वक्ताओं ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह साबित किया कि जब सही लोग, सही सोच और सही मंच एक साथ आते हैं, तब समाज में सकारात्मक परिवर्तन की राह खुलती है। (Women menstrual health)

महिलाओं को हाइजीन किट वितरित की

यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल का हिस्सा रही, जिसका उद्देश्य था ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को मासिक धर्म (Women menstrual health) स्वच्छता, स्वास्थ्य और आत्म-देखभाल के प्रति जागरूक करना।

किशोरी क्लब की मैनेजिंग डायरेक्टर ध्रुवी बहटे ने अपने अनुभव और ज्ञान के साथ इस पहल को एक नई दिशा दी। उन्होंने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और मानसिक राहत प्रदान करने वाले कुछ आसान और प्रभावशाली योग आसनों का प्रदर्शन किया।

उन्होंने हर आसन की उपयोगिता और उसे करने की सही विधि भी विस्तार से समझाई, जिसे सभी महिलाओं ने बड़े ध्यान और रुचि से सीखा।

इस अवसर पर महिलाओं ने न केवल योग के माध्यम से राहत पाने के उपाय सीखे, बल्कि उनके मन में जो मासिक धर्म (Women menstrual health) से जुड़े संकोच और भ्रांतियां थीं, उन्हें भी खुलकर साझा करने और दूर करने का मौका मिला।

योग सत्र के दौरान ध्रुवी बहटे ने महिलाओं को बताया कि कैसे नियमित योगाभ्यास से हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है, पेट दर्द और तनाव से राहत मिलती है, और समग्र स्वास्थ्य में सुधार आता है।

कार्यशाला केवल एक जागरूकता सत्र नहीं…

कार्यक्रम के अंत में प्रजना फाउंडेशन (Women menstrual health) की ओर से सभी महिलाओं को हाइजीन किट वितरित की गई, जिसमें सैनिटरी नैपकिन, साबुन, सैनिटाइज़र और अन्य स्वच्छता उत्पाद शामिल थे। इस पहल ने महिलाओं को स्वच्छता के महत्व को समझने और अपनी देखभाल करने के प्रति प्रेरित किया।

यह कार्यशाला केवल एक जागरूकता सत्र नहीं था, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने, उन्हें सशक्त बनाने और समाज में खुलकर अपनी बात कहने की प्रेरणा देने वाला एक सार्थक प्रयास था।

इस आयोजन की सफलता ने यह साबित कर दिया कि यदि सही दिशा और मार्गदर्शन मिले, तो महिलाएं अपने स्वास्थ्य और अधिकारों को लेकर जागरूक हो सकती हैं।

भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इस पहल से जुड़ सकें और उन्हें उनके स्वास्थ्य और स्वाभिमान की दिशा में सशक्त किया जा सके। यह आयोजन अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रहा और सभी प्रतिभागियों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव बन गया।

Naya India

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