बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को दो दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से मुलाकात और दोपक्षीय वार्ता की और उसके बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। दोपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हमारे इंडो पेसिफिक विजन में थाईलैंड का खास योगदान है। आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का रूप देने का फैसला किया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच स्ट्रैटजिक डायलॉग स्थापित करने पर चर्चा की गई’।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच एमएसएमई, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट में सहयोग के लिए समझौता हुआ है। रिन्युएबल एनर्जी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ई व्हीकल्स, रोबोटिक्स, स्पेस, बायोटेक्नोलॉजी और स्टार्ट अप में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया गया है। दोनों देशों के बीच फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ाने पर काम किया जाएगा। भारत ने थाई पर्यटकों के लिए ई वीजा देना शुरू कर दिया है’। मोदी शुक्रवार को थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न और रानी सुथिदा से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवारर को बिम्सटेक बैठक में भी शामिल होंगे।
इससे पहले मोदी ने 28 मार्च को भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने भारत और थाईलैंड के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि सदियों पुराने संबंध दोनों देशों की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कड़ियों से जुड़े हैं। बौद्ध धर्म के प्रसार ने दोनों देशों के लोगों को जोड़ा है। रामायण की कहानियां थाई लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। इससे पहले थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने हवाईअड्डे पर भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद थाई रामायण का मंचन देखा।
Pic Credit: ANI