नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बाघों की संख्या जारी की है। प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे और खुली जीप में करीब 20 किलोमीटर लंबी जंगल सफारी की। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश में बाघों की मौजूदा आबादी के आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि भारत में वर्ष 2022 तक बाघों की आबादी 3,167 दर्ज की गई है। गौरतलब है कि 50 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी तब देश में सिर्फ 268 बाघ थे।
बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने मैसुरु में ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’ की शुरुआत भी की। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने न सिर्फ बाघों को बचाया है, बल्कि उनकी आबादी बढ़ने के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी भी कायम की है। प्रधानमंत्री ने कहा- जब अनेक टाइगर रिजर्व देशों में उनकी आबादी स्थिर है या घट रही है तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने बताया कि एशियाटिक शेर रखने वाला दुनिया का इकलौता देश भारत है। उन्होंने बताया कि शेरों की आबादी 2015 में 525 से बढ़ कर 2020 में 675 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे तेंदुए की आबादी केवल चार वर्षों में 60 फीसदी से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा- बड़ी बिल्लियों की वजह से टाइगर रिजर्व पर्यटकों की संख्या बढ़ी और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। उनकी मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की इकोलॉजी पर सकारात्मक असर डाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा- दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था। हम इन शानदार बिग बिल्लियों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं। ये एक बड़ी बिल्ली का एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में पहला सफल ट्रांसलोकेशन है। उन्होंने कहा- कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में चार सुंदर शावकों ने जन्म लिया है। मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, हमारा बायो डायवर्सिटी का विस्तार होता रहेगा। ये दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी रविवार सुबह साढ़े आठ बजे बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे। प्रधानमंत्री ने हैट सहित जंगल सफारी की वेशभूषा धारण की थी। उन्होंने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में खुली जीप में करीब 20 किलोमीटर लंबी जंगल सफारी की। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक सीमा से लगे मुदुमलई नेशनल पार्क में थेप्पाकडु एलिफेंट पार्क पहुंचकर हाथियों को गन्ने खिलाए। ये वही नेशनल पार्क है, जहां ऑस्कर विनिंग शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की शूटिंग हुई थी। इस फिल्म में काम करने वाले हाथी रघु और उसे पालने वाले बोम्मन और बेली से भी प्रधानमंत्री मिले।