राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

अमेरिका ने भारतीय लोकतंत्र को सराहा

वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारतीय लोकतंत्र की तारीफ की है और कहा है कि यह एक जीवंत लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि कोई भी दिल्ली जाकर इसे देख सकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं और वहां कई अहम रक्षा समझौते होने की संभावना है। मोदी की यात्रा से पहले बाइडेन प्रशासन ने भारतीय लोकतंत्र की सेहत को लेकर जताई जा रही चिंताओं को खारिज किया।

दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुख्य उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ साझेदारी अमेरिका के लिए सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण संबंधों में से एक है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि अमेरिका, भारत से आर्थिक संबंधों को गहरा करने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आशा कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में बात करते हुए पटेल ने कहा- हम इस महीने के अंत में पीएम मोदी की राजकीय अमेरिकी यात्रा की मेजबानी करने के लिए बेहद उत्सुक हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाने वाले हैं। वेदांत पटेल ने कहा- भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और हम कई मुद्दों पर अपने सहयोग को गहरा करने के लिए तत्पर हैं। फिर चाहे वो सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना हो, हमारे आर्थिक संबंधों को गहरा करना हो या फिर व्यापार को बढावा देना हो।

अमेरिकी कांग्रेस की ओर से जारी बयान के अनुसार, यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने 22 जून को देश की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिनिधि सभा और सीनेट की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया है। हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी, सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर, सीनेट रिपब्लिकन लीडर मिच मैककोनेल और हाउस डेमोक्रेटिक लीडर और हकीम जेफ्रीस ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है- आपके संबोधन के दौरान, आपके पास भारत के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करने और दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर बात करने का अवसर होगा।

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *