Thursday

31-07-2025 Vol 19

चीनी गुब्बारों ने भारत की भी जासूसी की

459 Views

वाशिंगटन। चीन (Chinese) ने भारत (India) और जापान (Japan) समेत कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी सेना ने अमेरिका के संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर मंडरा रहे एक चीनी निगरानी गुब्बारे को नष्ट कर दिया था। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत समेत अपने मित्रों एवं सहयोगियों को चीनी गुब्बारे संबंधी जानकारी से अवगत कराया है। इस गुब्बारे को शनिवार को अटलांटिक महासागर के ऊपर साउथ कैरोलाइना के तट पर एक लड़ाकू विमान ने नष्ट कर दिया था। अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन (Wendy Sherman) ने सोमवार को यहां करीब 40 दूतावासों के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी।

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने मंगलवार को कहा कि गुब्बारे से निगरानी के प्रयास के तहत जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपीन समेत कई देशों और चीन के लिए उभरते रणनीतिक हित वाले क्षेत्रों में सैन्य संपत्तियों संबंधी जानकारी एकत्र की गई है।

यह रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों से ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के साक्षात्कार पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वायु सेना द्वारा संचालित इन निगरानी यान को पांच महाद्वीपों में देखा गया है।

एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ये गुब्बारे पीआरसी (चीनी जनवादी गणराज्य) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिन्हें निगरानी अभियान चलाने के लिए विकसित किया गया है और इन्होंने अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

दैनिक समाचार पत्र के अनुसार, हाल के वर्षों में हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार गुब्बारे देखे गए और इसके अलावा पिछले सप्ताह एक गुब्बारा देखा गया। इन चार में से तीन घटनाएं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान हुईं, लेकिन चीनी निगरानी यान के रूप में इनकी पहचान हाल में हुई। पेंटागन ने मंगलवार को गुब्बारे की तस्वीरें जारी कीं। (भाषा)

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *