Defense Relations :- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जर्मनी के अपने समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस से व्यापक चर्चा की और द्विपक्षीय रक्षा तथा सामरिक संबंध मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया।
बैठक के एजेंडे से अवगत सूत्रों ने वार्ता से पहले बताया था कि बातचीत में रक्षा औद्योगिक सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जर्मनी के रक्षा मंत्री भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों के रक्षा मंत्री करीब 43,000 करोड़ रुपये की लागत से छह विध्वंसक पारंपरिक पनडुब्बियों की खरीद की भारत की योजना पर चर्चा कर सकते हैं। इस सौदे के दावेदारों में से एक जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (टीकेएमएस) है।
इंडोनेशिया से भारत आने से पहले पिस्टोरियस ने जर्मनी के सरकारी प्रसारणकर्ता डॉयचे वेले से कहा था कि भारत की लगातार रूसी हथियारों पर निर्भरता जर्मनी के हित में नहीं है। रूसी हथियारों पर भारत की निर्भरता के संबंध में एक सवाल पर पिस्टोरियस ने कहा, इसे बदलना जर्मनी के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा, यह ऐसा मुद्दा है जिसे हमें अन्य साझेदारों के साथ संयुक्त रूप से हल करना है। लेकिन निश्चित रूप से भारत हथियारों या अन्य सामग्री की आपूर्ति के लिए रूस पर इतना निर्भर रहे, दीर्घकाल में इसमें हमारा कोई हित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, मैं एक संकेत देना चाहता हूं कि हम अपने भागीदारों… इंडोनेशिया, भारत जैसे विश्वसनीय भागीदारों का सहयोग करने को तैयार हैं। (भाषा)