नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने उमेश पाल हत्याकांड (umesh pal murder case) में जेल में बंद पूर्व सांसद एवं कथित गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा की मांग वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेल एम. त्रिवेदी की पीठ ने जान को खतरा होने के अतीक अहमद के दावे पर उसे सुरक्षा के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने हालांकि उसके जान को खतरा होने के दावे को ‘रिकॉर्ड’ में लेने से इनकार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासन उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
पीठ ने कहा, ‘इस मामले में अदालत दखल नहीं देगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी जाती है। कानून के तहत जो भी प्रक्रिया निर्धारित है उसका पालन किया जाए।’ अहमद के वकील ने कहा कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी तरह की हिरासत या पुलिस की पूछताछ से नहीं बच रहा, लेकिन मैं सुरक्षा चाहता हूं क्योंकि मेरी जान को गंभीर खतरा है।’
हालांकि पीठ ने उसकी याचिका खारिज कर दी। याचिका में अहमद ने दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल हत्या मामले में गलत तरीके से ‘फंसाया’ जा रहा है।
प्रयागराज में 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की दिनदहाड़े गोली मारकर 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। (भाषा)