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अयोग्यता संबंधी अधिसूचना के खिलाफ फैजल की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (supreme court) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) के खिलाफ याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

हत्या के प्रयास के एक मामले में 11 जनवरी को सुनवाई अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी लेकिन लोकसभा सचिवालय ने सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना को वापस नहीं लिया है और राकांपा नेता ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर गौर किया कि दोषसिद्ध और सजा पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है।

सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई होने वाली है। इस पर पीठ ने कहा, “इसे (लक्षद्वीप की) विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के साथ जोड़ दें।”

राकांपा नेता की ओर से पेश सिंघवी ने कहा कि इस साल जनवरी में एक स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद लोकसभा ने फैजल को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था। लेकिन निचली अदालत के आदेश पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के बावजूद फैजल की सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गई है।

लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये थे। फैजल ने अधिवक्ता के.आर.शशिप्रभु के जरिए सर्वोच्च अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि लोकसभा सचिवालय ने इस तथ्य के बावजूद अधिसूचना वापस नहीं ली है कि उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी।

याचिका में कहा गया है कि विभिन्न ज्ञापनों के बाद भी लोकसभा सचिवालय ने अयोग्यता अधिसूचना को वापस नहीं लिया है और फैजल को संसद के मौजूदा बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है।

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और इसका पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त हुआ। अवकाश के बाद 13 मार्च को बजट सत्र का दूसरा चरण फिर शुरु हुआ। (भाषा)

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