Wednesday

30-04-2025 Vol 19

आरक्षण के प्रति सिर्फ बसपा ईमानदार: मायावती

516 Views

लखनऊ। बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने रविवार को कहा कि कांग्रेस (Congress), भाजपा (BJP) और सपा (SP) आरक्षण (reservation) के संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं है जबकि उनकी पार्टी ने 85 प्रतिशत शोषितों-पीड़ितो व उपेक्षितों को बहुजन समाज की शक्ति में जोड़ने का काम काफी पहले से शुरू कर दिया है।

नव वर्ष (New year) की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुये सुश्री मायावती ने केन्द्र सरकार को सलाह दी कि अगर सरकार चाहे तो अपनी नीयत व नीति में थोड़ा सुधार करके गरीब,शोषित वंचित वर्ग के लोगों के जीवन को अच्छे दिन में बदल सकती है। उन्होंने नये साल में सभी के लिए रोजगार-युक्त व महंगाई-मुक्त आत्म-सम्मान के सुख, शान्ति व समृद्धि भरे जीवन की कामना की।

उन्होंने कहा कि जहाँ तक लोगों को जोड़कर भारत को असली भारत बनाने के लिये यज्ञ की बात है तो यह काम बसपा ने सभी 85 प्रतिशत शोषितों-पीड़ितो व उपेक्षितों को बहुजन समाज की शक्ति में जोड़ कर काफी पहले से शुरू कर दिया है, लेकिन इसकी स्थापना में सबसे बड़ी चुनौती आरक्षण को लागू करने को लेकर संविधान बनने से लेकर आज तक बनी हुई है। इस मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी सहित कोई भी विरोधी पार्टी आरक्षण के साथ इस संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं है। यही आज तक का कड़वा इतिहास है।

उन्होंने कहा कि एससी व एसटी के आरक्षण को लागू करने के मामले में ही नहीं बल्कि ओबीसी के आरक्षण को लेकर भी इन पार्टियों का रवैया अति जातिवादी व क्रूर देखने को मिला है। कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के लम्बे दौर के रहते हुए भी पिछड़ों के आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। साथ ही, एससी व एसटी के आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया और अब भाजपा भी इस मामले में जगजाहिर तौर पर कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चलकर बहुजनों के आरक्षण के हक को मारने का भी घोर अनुचित काम रही है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा किदेश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सपा की रही सरकार ने भी खासकर अति-पिछड़ों को पूरा हक नहीं देकर इनके साथ हमेशा छल करने का ही काम किया है। सपा ने एससी व एसटी का पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया। इससे सम्बन्धित बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया तथा इसे पास भी नहीं होने दिया।

इसके साथ ही, इस पार्टी (सपा) ने ओबीसी की 17 अति-पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग की सूची से हटाकर एससी वर्ग में शामिल करने का गैर-संवैधानिक कार्य करके इन वर्गों के लाखों परिवारों को ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया, क्योंकि सपा सरकार द्वारा ऐसे करने का अधिकार नहीं होने के बावजूद भी यह गलत कदम उठाने पर वे सभी जातियाँ न ओबीसी में ही रह पायीं और ना ही एससी में उन्हें शामिल किया जा सका।

ऐसे कदम पर सपा सरकार को कोर्ट की फटकार अलग लगी, जबकि बी.एस.पी. सरकार में एससी व एसटी के साथ-साथ अति-पिछड़ों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक एव आदर-सम्मान भी दिया गया। इसके साथ ही, दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्मे व हमेशा तिरस्कृत रहे महान संतो, गुरुओं एवं महापुरुषों को आदर-सम्मान देने में बसपा सरकार ने पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र भव्य स्थल, पार्क व अन्य संस्थान स्थापित किए व नए जिले आदि बनाए। उनकी उपेक्षा व नामान्तरण आदि जातिवादी मानसिकता वाली सपा सरकार में जारी रहे। (वार्ता)

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *