नई दिल्ली। शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा है कि वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके बाहर रहने से गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस बीच दिल्ली शराब नीति केस से जुड़े धन शोधन के मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी के पूरक आरोपपत्र पर अदालत ने संज्ञान लिया है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को सिसोदिया को समन भेजा है। अब उन्हें एक जून को कोर्ट में पेश होना है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब नीति केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। भ्रष्टाचार मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वे बाहर आएंगे तो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश शर्मा ने कहा- सिसोदिया पर आरोप है कि दिल्ली की शराब नीति साउथ ग्रुप के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के इरादे से बनाई गई थी। ये बेहद गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा- सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत पर रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इससे पहले सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सिसोदिया दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके पास 18 विभाग थे। ऑफिस और नौकरशाहों पर सिसोदिया का प्रभाव और दबदबा स्पष्ट है। इतना ही नहीं ऊंचे पदों पर बैठे उनकी पार्टी के सहयोगी जांच को प्रभावित करने के लिए गलत दावे कर रहे हैं। वे यह भी कह रहे है कि सिसोदिया राजनीतिक बदले का शिकार हुए हैं।