अंकारा। मध्य पूर्व के दो देशों तुर्किये और सीरिया में भीषण भूकंप से बड़ी तबाही हुई है। तुर्किये में एक के बाद एक तीन भूकंप आए, जिसमें हजारों इमारतें पूरी तरह से तबाह हो गईं। कई शहरों में मलबे का ढेर जमा है, जिसके नीचे हजारों लोगों के दबे होने की आशंका है। खबर लिखे जाने तक इन दोनों देशों में 23 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी। अमेरिका की एक एजेंसी का अनुमान है कि 10 हजार से ज्यादा लोगों को मौत हो सकती है।
सोमवार को तड़के भूकंप आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो शाम तक जारी रहा। मध्य पूर्व के चार देशों, तुर्किये, सीरिया, लेबनान और इजराइल में भूकंप के झटके आए। सोमवार की सुबह से से लेकर शाम तक भूकंप के तीन बड़े झटके लगे, जबकि 80 के करीब ऑफ्टर शॉक लगे। इनकी तीव्रता चार से पांच तक मापी गई। सोमवार की सुबह चार बजे के करीब आए सबसे पहले विनाशकारी भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 माफी गई। दूसरा झटका दिन में 10 बजे के करीब आया, जिसकी तीव्रता 7.6 थी। दिन का तीसरा और आखिरी झटका दोपहर बाद तीन बजे लगा, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर छह माफी गई।
भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही भूकंप के केंद्र तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक- तुर्किये में अब तक डेढ़ हजार लोगों की जान जा चुकी है। छह हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। सीरिया में आठ सौ से कुछ ज्यादा लोग मारे गए और दो हजार से ज्यादा लोग जख्मी हैं। दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 23 सौ से ज्यादा हो गई है। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का केंद्र तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया की सीमा से 90 किलोमीटर दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया सहित कई शहरों में इमारतों के गिर कर मलबे में बदल जाने की खबर है। राजधानी अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी सहित 10 शहरों में भारी तबाही हुई। इन शहरों में 17 सौ से ज्यादा इमारतें गिरने की खबर है।
मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए राहत अभियान जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। तुर्किये के उप राष्ट्रपति फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, दो सौ उड़ाने रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। उधर, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे, यूएसजीएस ने आशंका जताते हुए कहा कि मरने वालो की संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। इसका कहना है कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।