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22-06-2025 Vol 19

महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों मॉक ड्रिल की व्यापक तैयारी

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Mock Drill : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी राज्यों को सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश के तहत महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों ने व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। (Mock Drill)

विशेष रूप से महाराष्ट्र में 16 स्थानों पर मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है, जिसमें मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, रायगढ़, उरण, तारापुर और कोंकण तट शामिल हैं। वहीं, नागपुर, जोधपुर और अन्य शहरों में भी आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने पहलगाम घटना के बाद उत्पन्न संभावित खतरों को देखते हुए पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित किया है। प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को चौकस रहने के सख्त निर्देश दिए हैं। राज्य के पालक मंत्रियों और अन्य मंत्रियों को प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में रहने को कहा गया है। मॉक ड्रिल के लिए 16 प्रमुख स्थानों का चयन किया गया है। खासकर कोंकण तट पर मॉक ड्रिल को विशेष रूप से आयोजित करने के आदेश दिए गए हैं, क्योंकि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से संवेदनशील है।

महाराष्ट्र सरकार ने आंतरिक गतिविधियों में तेजी लाते हुए सभी संसाधनों को सक्रिय कर दिया है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासन की तत्परता, समन्वय और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए पुलिस, फायर ब्रिगेड, आपदा प्रबंधन टीमें और अन्य एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं। यह ड्रिल युद्ध, आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा जैसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने की क्षमता को परखने का अवसर प्रदान करेगी।

नागपुर शहर मॉक ड्रिल के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर चुका है। नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) का कंट्रोल रूम इस अभ्यास का केंद्र बिंदु है। इस कंट्रोल रूम से पूरे शहर की निगरानी की जाती है। कंट्रोल रूम में पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से शहर के 54 प्रमुख चौराहों पर एक साथ सूचनाएं प्रसारित की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, नागपुर पुलिस कंट्रोल रूम में भी समान व्यवस्था की गई है।

नागपुर में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से शहर के हर कोने पर नजर रखी जा रही है। प्रमुख चौराहों पर एलईडी स्क्रीन और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए गए हैं, जो आपात स्थिति में नागरिकों को तुरंत सूचना देने में सक्षम हैं। एनएमसी द्वारा संचालित फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह से तैयार है। फायर ब्रिगेड की सभी छोटी-बड़ी गाड़ियां एक्शन मोड में तैनात हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

नागपुर की इन तैयारियों से यह स्पष्ट है कि शहर प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। मॉक ड्रिल के दौरान इन सभी व्यवस्थाओं का परीक्षण किया जाएगा, ताकि कमियों को दूर किया जा सके और भविष्य में और बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो।

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छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मॉक ड्रिल के संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि पहलगाम घटना के बाद भारत सरकार ने कड़े निर्णय लिए हैं। केंद्र सरकार सभी संभावित खतरों को ध्यान में रखकर आवश्यक तैयारियां कर रही है। साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेगी और मॉक ड्रिल के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

राजस्थान का जोधपुर शहर भी मॉक ड्रिल के लिए पूरी तरह तैयार है। पहलगाम हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जोधपुर में सिविल डिफेंस की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जिला प्रशासन ने आपदा राहत कर्मियों और सिविल डिफेंस टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है। जोधपुर जिले में 18 इलेक्ट्रिक सायरन और तीन हैंड सायरन उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से आपात स्थिति में नागरिकों को सूचित किया जाएगा।

सिविल डिफेंस के अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि उनकी टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारी टीमें हर समय अलर्ट रहती हैं। घटना स्थल पर पूरी सामग्री के साथ तुरंत पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। युद्ध जैसी स्थिति में भी हम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि जोधपुर में लगे 18 सायरन नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अलर्ट करने में उपयोगी हैं। (Mock Drill)

इसी तरह, सिविल डिफेंस के परसाराम चौधरी ने कहा कि उनकी टीमें किसी भी खतरे, जैसे हवाई हमला या इमारत ढहने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार हैं। उनकी प्राथमिकता न्यूनतम जनहानि और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। सायरन और अन्य संसाधनों के माध्यम से नागरिकों को त्वरित सूचना दी जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर एम्बुलेंस न पहुंच पाए तो टीमें स्वयं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएंगी।

Pic Credit : ANI

Naya India

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