नई दिल्ली। कफ सिरप पीने से बच्चों की जान जाने के बाद सरकार चौकस हुई है और दवाओं की गुणवत्ता की जांच तेज हुई। इसमें हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। सरकार की ओर से बताया गया है कि पिछले महीने यानी सितंबर में की गई जांच में 112 दवाओं के सैंपल्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने का मतलब है कि ये दवाइयां मरीजों को ठीक करने के बजाय उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं।
बताया गया है कि जांच में शामिल 112 दवाओं के सैंपल्स में से 52 की जांच सेंट्रल ड्रग्स लैब ने की, जबकि 60 सैंपल्स को स्टेट लैब्स ने नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी यानी मानक क्वालिटी के अनुरूप नहीं पाया। उधर छत्तीसगढ़ में एक दवा का सैंपल नकली भी मिला। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद एक अधिकारी ने बताया कि हर महीने दवाओं की क्वालिटी चेक होती है। उन्होंने बताया कि सितंबर में कई शहरों से दवाओं से सैंपल लिए गए थे, जिनमें 112 दवाइयां एक या एक से ज्यादा क्वालिटी पैरामीटर्स में फेल हो गईं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, सीडीएससीओ के सितंबर के ड्रग अलर्ट में इन दवाओं के बारे में जानकारी दी गई है। इनमें तीन कफ सिरप भी शामिल हैं, जिनमें से एक नकली पाया गया है। फेल हुए सैंपलों में दिल, कैंसर, मधुमेह, हाई बीपी, दमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, अनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी शामिल हैं। संबंधित अधिकारियों के अनुसार, इन दवाओं को गुणवत्ता के एक या अधिक पैमानों पर विफल पाया गया है। दवाओं के फेल हुए सैंपल में सबसे ज्यादा 49 हिमाचल प्रदेश की और 16 गुजरात की हैं।


