नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट का विरोध जारी है। रविवार को एक और पायलट संघ ने इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। द इंडियन कॉमर्शियल पायलट एसोसिएशन, आईसीपीए ने रिपोर्ट की आलोचना की है। विमान हादसे के पीछे दोनों पायलटों की गलती की ओर इशारा किए जाने पर नाराजगी जताते हुए पायलट एसोसिएशन ने कहा है कि एक अधूरी और प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर इस तरह के नतीजे तक पहुंचना ठीक नहीं है। गौरतलब है कि शुक्रवार को आधी रात के बाद करीब ढाई बजे यह रिपोर्ट जारी हुई। रिपोर्ट जारी होने की टाइमिंग भी सवालों के घेरे में है।
इससे पहले शनिवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। उनका कहना है कि जांच टीम में अनुभवी पायलटों को शामिल नहीं किया गया है। दोनों संघों ने कहा कि पायलट की गलती को पहले से ही कारण मान लिया गया है, जो ठीक नहीं है। पायलट संघ का आरोप है कि रिपोर्ट को बिना किसी जरूरी हस्ताक्षर के मीडिया में लीक किया गया, जिससे इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और जांच की विश्वसनीयता कमजोर होती है।
दूसरी ओर सरकार ने बताया कि यह जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन के के नियमों और 2017 के विमान दुर्घटना जांच नियमों के तहत हो रही है, जिसमें कई बड़े अधिकारी शामिल हैं। गौरतलब है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही उड़ान एआई 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएआईबी इस हादसे की जांच कर रही है, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के लेकर विवाद हो रहा है।
रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद रविवार को द इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने इसे लेकर तीखा हमला किया। इस पायलट संघ ने रिपोर्ट के आधार पर निकाले जा रहे निष्कर्ष को असंवेदनशील, निराधार और गैर जिम्मेदार करार दिया है। पायलट संघ ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि अधूरी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई, जिसके आधार परर जनता के बीच चर्चा शुरू हो गई है और मीडिया का एक हिस्सा यह बताने में लगा है कि पायलट की खुदकुशी के कारण यह विमान हादसा हुआ। संघ ने इसे बेहद असंवेदनशील कहा है।