नई दिल्ली। इस साल के शुरू में दिल्ली विधानसभा के अधबीच केंद्र सरकार ने जिस आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था उसकी शर्तों को बिहार विधानसभा चुनाव के बीच में मंजूरी दी गई है। ध्यान रहे इस साल इन्हीं दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने थे। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आठवें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी शर्तों को मंजूरी दी गई।
हालांकि अभी तक आठवें वेतन आयोग का गठन नहीं हुआ है। शर्तें तय होने के बाद आयोग बनेगा और वह गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देगा। केंद्र सरकार ने पहले ही बता दिया है कि आयोग की सिफारिशें चाहे जब आएं उसे एक जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। अभी टाइमलाइन को देख कर ऐसा लग रहा है कि 2027 में किसी समय सिफारिशें आएंगी। हो सकता है कि मार्च 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय सिफारिशें आएं। इसका मतलब होगा कि केंद्रीय कर्मचारियों को एक जनवरी 2026 से बकाया मिलेगा।
इससे पहले के वेतन आयोग की सिफारिश आने और उसके लागू होने के इतिहास को देखते हुए कहा जा रहा है कि सिफारिशों को पूरी तरह 2028 से ही लागू किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को डेढ़ साल या उसके कुछ ज्यादा का एरियर एकमुश्त या किस्तों में मिलेगा। सरकार के इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा।
केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय जनवरी 2025 में इस आयोग के गठन का ऐलान किया था। अब शर्तों को मंजूरी देने का मतलब ऐसे दस्तावेज से है जो बताता है कि आयोग का काम क्या है, काम कैसे होगा, कितने समय में होगा और इसमें कौन कौन शामिल होंगे। गठन के बाद आयोग एक फॉर्मूले पर काम करेगा। आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों का वेतन कितना बढ़ेगा यह फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता यानी डीए के विलय पर निर्भर करता है। अभी डीए बेसिक वेतन का 55 फीसदी है। इसे मिला दिया जाएगा और तब फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बेसिक वेतन तय होगा। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जो आठवें 2.46 हो सकता है।


