राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

टाटा समूह में विवाद बढ़ा

मुंबई। टाटा समूह में पिछले दिनों शुरू हुआ विवाद और बढ़ गया है। टाटा समूह से जुड़े दो ट्रस्टों से मेहली मिस्त्री को बाहर कर दिया गया है। मेहली मिस्त्री को टाटा समूह के दिवंगत चेयरमैन रतन टाटा का करीबी माना जाता है। मंगलवार को मेहली मिस्त्री को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। इससे पहले पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को भी बोर्ड से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद यह विवाद दिल्ली में केंद्र सरकार तक पहुंचा था। टाटा समूह के बड़े अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे।

बहरहाल, मंगलवार को बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें छह में से तीन सदस्यों ने मेहली मिस्त्री को फिर से सदस्य बनाने के लिए वोट डाला। खबरों के मुताबिक डेरियस खंबाटा, प्रमित झावेरी और जहांगीर एचसी जहांगीर ने उनको बनाने के लिए वोट डाला, लेकिन नोएल टाटा सहित तीन अन्य सदस्यों ने उनकी फिर से नियुक्ति का विरोध किया। यानी तीन तीन वोट की बराबरी हो गई। लेकिन ट्रस्ट्स के नियमों के मुताबिक ये इसे बराबरी नहीं माना जाता। इसे सहमति नहीं होना माना गया।

गौरतलब है कि मेहली मिस्त्री 2022 से सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी थे। ये दोनों मुख्य ट्रस्ट मिलकर टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 51 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। इनके पास टाटा संस के बोर्ड में एक तिहाई सदस्यों को नॉमिनेट करने का हक है। रतन टाटा के निधन के बाद अक्टूबर 2024 में उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद नवंबर 2024 में नोएल को टाटा संस के बोर्ड में भी शामिल किया गया। इससे बोर्ड का संतुलन बिगड़ा। तभी से बोर्ड पर नियंत्रण का विवाद चल रहा है।

एक गुट नोएल टाटा के साथ है, तो दूसरा गुट मेहली मिस्त्री के साथ। मिस्त्री का जुड़ाव शापूरजी पल्लोनजी परिवार से है जिसकी टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है। गौरतलब है कि रतन टाटा के निधन के करीब एक साल बाद, पिछले दिनों ट्रस्टीज ने बहुमत से पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को टाटा संस के बोर्ड से हटा दिया था। इसके बाद ही टाटा समूह के विवाद की खबरें सुर्खियों में आईं। अब मेहली मिस्त्री को हटाने के बाद टाटा समूह और शापूरजी पलोनजी मिस्त्री परिवार का विवाद भी उभरेगा। सरकार चाहती है कि ट्रस्ट का झगड़ा जल्दी से जल्दी निपटे ताकि कंपनी के कामकाज पर असर न पड़े।

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *