जयपुर। भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार, 15 दिसंबर को राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शुक्रवार को भजनलाल शर्मा का 55वां जन्मदिन भी था। उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर बड़ी संख्या में लोगों के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने भजनलाल शर्मा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इसके साथ ही राजस्थान की राजनीति में पिछले 25 वर्ष से चला आ रहा अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने का सिलसिला समाप्त हो गया। राजस्थान में 33 साल बाद कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री बना है। भजनलाल शर्मा राजस्थान में भाजपा के पहले ब्राह्मण सीएम हैं। उनकी शपथ के लिए एयरपोर्ट से लेकर शपथ ग्रहण स्थल ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल तक और उसके अलावा पूरे जयपुर शहर को भारतीय जनता पार्टी ने केसरिया रंग में सजाया था।
भजनलाल की शपथ में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर सवा 12 बजे जयपुर पहुंचे और 12 बज कर 45 मिनट पर उनकी मौजूदगी में भजनलाल शर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह करीब 15 मिनट चला। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नए मुख्यमंत्री के साथ सचिवालय तक गईं और कार्यभार संभालने के समय उनके साथ मौजूद रहीं।
बहरहाल, समारोह की जगह पर तीन मंच तैयार किए गए थे। एक मंच पर देश भर से आए साधु-संतों को बैठाया गया है। वहीं दूसरे मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और अन्य राज्यों से आए मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता बैठे थे। तीसरा मंच शपथ के लिए बनाया गया था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल और शपथ लेने वाले तीनों नेता बैठे।
जिस मंच पर वरिष्ठ नेताओं को बैठाया गया था, उस पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक साथ बैठे नजर आए। राजनीतिक रूप से तीनों नेता आपस में धुर विरोधी माने जाते हैं। गहलोत ने शेखावत पर संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था तो शेखावत ने भी गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर रखा है। लेकिन मंच पर दोनों ही नेता आपस में बातचीत करते नजर आए। इनके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी थीं।