अहमदाबाद। गुजरात में एक और चलता हुआ पुल टूट गया, जिससे कई गाड़ियां नदी में गिर गईं। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। गाड़ियों के साथ नदी में गिरे आठ लोगों को स्थानीय लोगों ने बचाया। यह पुल महिसागर नदी पर बना है और वडोदरा को आणंद से जोड़ता है। बुधवार की सुबह अचानक यह पुल बीच से टूट गया और इसका एक हिस्सा नदी में गिर गया। उस समय कई गाड़ियां पुल के ऊपर से गुजर रही थीं। बताया गया है कि पुल 45 साल पुराना है और इसे लेकर कई सालों से चिंता जताई जा रही थी। जिला पंचायत के सदस्य हर्षद सिंह परमार ने सरकार को चिट्ठी लिख कर पुल की जर्जर हालत की जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि इससे पहले मोरबी में 2022 में एक बड़ा हादसा हुआ था, जब मच्छू नदी पर बना पुल टूट कर गिर गया था। उस समय पुल पर करीब चार सौ लोग मौजूद थे। इनमें से करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो गई थी। महिसागर नदी पर बने गंभीरा पुल के टूट कर गिरने के बाद इसकी तुलना मोरबी हादसे से की जा रही है। बहरहाल गंभीरा पुल पर हादसे के समय कई गाड़ियां गुजर रही थीं। पुल टूटने पर दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा सहित पांच गाड़ियां नदी में गिर गईं। एक टैंकर पुल के टूटे हुए सिरे पर फंस गया।
इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लोगों को स्थानीय लोगों ने बचाया। दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी शाम तक तलाश हो रही थी। गौरतलब है कि 45 साल पुराना यह पुल दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता है। यह पुल टूट जाने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे दक्षिण गुजरात के शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने का सीधा रास्ता बंद हो गा है। अब इसके लिए अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता लेना पड़ेगा।
पुल हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। हादसे के बाद तुरंत ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को बचाना शुरू किया। स्थानीय लोगों ने कहा कि काफी समय तक उनको प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। मरने वालों में एक बच्चा भी है। स्थानीय लोगों ने हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पुल 45 साल पुराना है और बार बार कहे जाने के बावजूद इसको ठीक नहीं किया गया। कई लोगों ने कहा कि पुल की मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन को लिख कर दिया गया।