कोलकाता। मानसून की वापसी के बाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में बड़ी तबाही मची है। तेज बारिश की वजह से तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे सिक्किम और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे दस पूरी तरह से बंद हो गया है। शनिवार की रात सात जगह भूस्खलन की घटना हुई, जिसमें मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है। रविवार की शाम तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मुख्यमंत्री ममती बनर्जी सोमवार, छह अक्टूबर को उत्तरी बंगाल के दौरे पर जाएंगी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने हालात की जानकारी ली है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है।
असल में पिछले दो दिन से पूर्वी भारत के कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण शनिवार की रात को उत्तरी बंगाल के दार्जिलिंग में सात जगह भूस्खलन हुआ। खबरों के मुताबिक मिरिक सुखियापोखरी रोड के किनारे ढलान पर पहाड़ी का हिस्सा ढह गया। इस हादसे में कई घर टूट गए। बारिश और भूस्खलन के बाद रोड पर मलबा आने से राहत और बचाव में दिक्कत आ रही है। गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है और आसपास के कई इलाकों में संचार व्यवस्था भी ठप्प हो गई है।
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी उफान पर है। इससे तीस्ता बाजार के पास बलुखोला में पानी भर गया है, जिसे सिलिगुड़ी को सिक्किम और कालिम्पोंग से जोड़ने वाला हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। दार्जिलिंग शहर का भी कई हिस्सों से संपर्क टूट गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मरने वालों के लिए मुआवजे का एलान किया है। हालांकि मुआवजे की राशि और मरने वालों संख्या नहीं बताई गई। उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और स्थिति का जायजा लेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में भारी बारिश और लैंडस्लाइड पर अधिकारी कड़ी नजर रख रहे हैं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं’। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर शोक जताते हुए कहा, ‘पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड के कारण हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं’। इस बीच उधर पश्चिमी भारत में अरब सागर में उठा पहला चक्रवात ‘शक्ति’ गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कई जिलों में सात अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है। गोवा के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना है।