वॉशिंगटन। अमेरिका में एक नए बिल की तैयारी है, जिसको मंजूरी मिली तो रूस के साथ कारोबार करने वाले देशों पर पांच सौ फीसदी टैक्स लगाया जा सकेगा। अगर ऐसा होता है तो भारत को भी बड़ा झटका लगेगा क्योंकि समूचे यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने रूस के साथ कारोबार किया है और अब भी कर रहा है। बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीनेट के उस विधेयक को पेश करने की मंजूरी दे दी है, जिसमें रूस के साथ व्यापार जारी रखने वाले देशों पर पांच सौ फीसदी टैरिफ लगाने का प्रावधान किया गया है।
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक इंटरव्यू में इसकी पुष्टि की है। उन्होंने एबीसी न्यूज से कहा है, ‘यह एक बड़ी सफलता है। यदि आप रूस से उत्पाद खरीद रहे हैं और यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे हैं, तो आपके द्वारा अमेरिका में भेजे जाने वाले सभी उत्पादों पर पांच सौ फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा’। उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए रूस के तेल का 70 फीसदी खरीदते हैं। वे उनकी युद्ध मशीन को चालू रखने में मदद करते हैं’। सीनेटर लिंडसे ने कहा, ‘मेरे विधेयक के अब 84 सह प्रायोजक हैं। यह राष्ट्रपति ट्रंप को चीन, भारत और अन्य देशों पर टैरिफ लगाने की अनुमति देगा ताकि वे उन्हें व्लादिमीर पुतिन की युद्ध मशीन का समर्थन करने से रोक सकें और उन्हें बातचीत की टेबल पर ला सकें’।
सीनेटर लिंडसे ने कहा कि इस विधेयक को अगस्त में पेश किए जाने की उम्मीद है। यह विधेयक यूक्रेन में में युद्ध के चलते रूस पर आर्थिक शिकंजा कसने के लिए अमेरिका के बढ़ते प्रयासों का हिस्सा है। गौरतलब है कि भारत और चीन ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद छूट पर रूसी तेल खरीदना जारी रखा है, जिससे वे प्रस्तावित कानून के निशाने पर आ गए हैं। अगर यह विधेयक लागू होता है तो भारत और चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में दरार आ सकती है। भारत फिलहाल अमेरिका को अपना शीर्ष निर्यात बाजार मानता है। ऐसे में यह विधेयक भारत के लिए व्यापक आर्थिक और कूटनीतिक असर वाला हो सकता है।


