नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के बाद भारत ने दूसरे दिन भी बड़ी कार्रवाई की। पाकिस्तान की ओर से भारत के सैनिक ठिकानों को निशाना बनाने के प्रयास को विफल करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कई एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट किया। गुरुवार सुबह भारत की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान के तीन बड़े शहरों लाहौर, कराची और रावलपिंडी में लगे एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गए। हमले के लिए भारत ने इजराइली हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया।
बहरहाल, सात और आठ मई की रात को पाकिस्तानी सेना के दुस्साहस को देखते हुए सीमावर्ती राज्यों में हाई अलर्ट किया गया है। पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में ब्लैक आउट किया गया है। राजस्थान के बाडमेर और जैसलमेर में और पंजाब के गुरदासपुर में ब्लैक आउट किया गया है। जम्मू में पूरी तरह से ब्लैक आउट किया गया है। भारत में 15 जगह हमले के पाकिस्तान को प्रयास को देखते हुए ऐहतियात बरती जा रही है। पाकिस्तान ने जम्मू में ड्रोन से हमला करके हवाईअड्डे को निशाना बनाया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम पर भारत की एयर स्ट्राइक
इस बीच भारत सरकार की ओर से लगातार दूसरे दिन गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। शाम साढ़े पांच बजे विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। दोनों सैन्य अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने सात और आठ अप्रैल की रात भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले का प्रयास किया। गौरतलब है कि भारत सरकार ने पहले दिन स्पष्ट किया था कि उसने किसी पाक सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया है, बल्कि आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया है। लेकिन पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया।
गुरुवार की शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना की ओर से बताया गया कि पाकिस्तान ने अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया लेकिन उसके हमले को भारत ने नाकाम कर दिया। इन जगहों पर बरामद मलबा पाकिस्तानी हमले की पुष्टि करते हैं।
इसके बाद गुरुवार सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर एयर सिस्टम को निशाना बनाया। भारत की जवाबी कार्रवाई में लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम कर दिया गया। इस मसले पर भारत का पक्ष रखते हुए विक्रम मिस्री ने कहा, ‘कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने आपसे कल भी यही बात की थी। यही कहना चाहूंगा कि भारत तनाव बढ़ाने का काम नहीं कर रहा है’। हमारा मकसद सिर्फ 22 अप्रैल के हमले का जवाब देना था। 22 अप्रैल का हमला ही वास्तविक तनाव बढ़ाने वाली घटना थी। इसके बाद ही यह सिलसिला शुरू हुआ। उसका जवाब भारतीय फौज ने कल अपने एक्शन से दिया है’।
मिस्री ने कहा, ‘हमारा मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर हमारा टारगेट नहीं थे। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने घटना की जिम्मेदारी ली थी। यह ग्रुप लश्कर का हिस्सा है। भारतीय अधिकारियों ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र को इसकी जानकारी दी थी। हम दोबारा मीटिंग करेंगे और संयुक्त राष्ट्र को अपडेट देंगे’। दिलचस्प बात यह है कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति की कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम लेने का विरोध किया। जब टीआरएफ को पता चला कि यह बहुत बड़ी घटना है, तब उसने अपना ना्म वापस ले लिया।
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