नई दिल्ली। इजराइल और ईरान जंग के 13 दिन हो गए हैं और हर दिन के साथ जंग गंभीर होती जा रही है। इजराइल ने सोमवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया और दावा किया कि सैकड़ों ईरानी सैनिक मारे गए हैं। दूसरी ओर ईरान ने अमेरिकी हमले का बदला लेने के लिए इजराइल पर भीषण हमला किया। उसने इजराइल के कई शहरों पर मिसाइल से हमला किया। बताया जा रहा है कि इजराइल के हाइफा शहर में तो न आयरन डोम काम आया और न सायरन बजा। कोई 20 मिनट तक ईरानी मिसाइलें शहर पर गिरती रहीं।
ईरानी मीडिया की खबरों में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प, आईआरजीसी के हवाले से बताया गया कि इजराइल पर ताजा हमले में अब तक पांच शहरों को निशाना बनाया गया है। इनमें सफेद, तेल अवीव, अश्कलोन, अशदोद और बेइसन शामिल हैं। आईआरजीसी के मुताबिक, इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने के लिए इन शहरों पर सॉलिड और लिक्विड फ्यूल मिसाइलों की मदद से मिसाइल और ड्रोन हमला किया गया था।
दूसरी ओर इजराइली सेना ने सोमवार को तेहरान में आईआरजीसी के ठिकानों पर हमले किए। इजराइल ने इन हमलों में सैकड़ों सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। सेना ने एविन जेल, इजराइल डिस्ट्रक्शन घड़ी, आईआरजीसी के बासिज फोर्स के मुख्यालय और इंटरनल सिक्योरिटी मुख्यालय को निशाना बनाया। गौरतलब है कि इजराइल डिस्ट्रक्शन घड़ी ईरान की राजधानी तेहरान के फिलस्तीन स्क्वायर में लगी है। इस डिजिटल घड़ी को अप्रैल 2021 में ईरानी अधिकारियों ने लगाया था। इसमें साल 2040 तक का काउंटडाउन लगा था। यह घड़ी 2040 में अपने आप चलना रुक जाती। यह घड़ी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के 2015 में दिए उस बयान के बाद तैयार की गई थी कि इजराइल 25 साल के भीतर खत्म हो जाएगा।
इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद बदनाम जेल ‘इविन’ पर हवाई हमला किया। यह जेल राजनीतिक कैदियों के लिए जानी जाती है और वहां अक्सर दोहरी नागरिकता वाले लोगों को रखा जाता है। ईरान इसका इस्तेमाल पश्चिमी देशों के साथ कैदियों की अदला बदली के लिए करता है। इस हमले में कितना नुकसान हुआ है या कितने लोग मारे गए हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। ईरान के सोमवार को फोर्डो परमाणु ठिकाने पर भी हमला किया, जहां रविवार को अमेरिका ने बस्टर बम गिराए थे। इजराइल डिफेंस फोर्स ने सोमवार की सुबह अंडरग्राउंड फोर्डो न्यूक्लियर साइट तक पहुंचने वाले रास्ते पर हमला किया है, जिसका मकसद साइट तक पहुंचने वाले रास्ते को बंद करना था।