लेह। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए हुए आंदोलन में हुई हिंसा के बाद से अभी तक लद्दाख में पूरी तरह से शांति बहाल नहीं हुई है। लेह में तीन अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक वाई फाई भी तीन अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। हालांकि लेह में कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई लेकिन इसे पूरी तरह से नहीं हटाया गया है।
इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा, ‘पीएम मोदी ने लद्दाख के लोगों के साथ धोखा किया है। लेह में पुलिस गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच की जाए। इनमें कारगिल युद्ध में शामिल त्सावांग थारचिन भी शामिल थे’। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर थारचिन के पिता का वीडियो पोस्ट किया लिखा, ‘पिता की दर्द भरी आंखें एक सवाल पूछती हैं, क्या आज देश सेवा का यही इनाम है? हिंसा और भय की राजनीति बंद करें’।
बहरहाल, 24 सितंबर के हिंसा के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है, जिसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लेह में तीन अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट और सार्वजनिक वाई फाई सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया। इस बीच लद्दाख को राज्य का दर्जा और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित अन्य गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग तेज हो गई है।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने मंगलवार को कहा है कि लद्दाख में हालात सामान्य होने तक केंद्र की उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी से बात नहीं करेंगे। लेह एपेक्स बॉडी पहले ही बातचीत नहीं करने का ऐलान कर चुकी है। गौरतलब है कि 24 सितंबर को लेह एपेक्स बॉडी की ओर से बुलाए गए बंद के दौरान लेह में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। बाद में हिंसा भड़काने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित अनेक लोगों को गिरफ्तार किया गया। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया है।