नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की घोषणा किए जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। कांग्रेस ने कहा कि विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र ने आननफानन में मानसून सत्र की घोषणा कर दी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘सरकार ने विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए अचानक मानसून सत्र की घोषणा की। भारत के इतिहास में कभी भी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं हुई है। आमतौर पर सत्र की जानकारी एक हफ्ता या 10 दिन पहले दी जाती है’।
रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री विशेष सत्र से तो भाग सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं। हम विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं ताकि पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हो सके। आतंकियों को अब तक सज़ा क्यों नहीं मिली’। संसद के मानसून सत्र के तारीखों का ऐलान होने पर तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा, मोदी सरकार संसद से डरती है, इसलिए विशेष सत्र से भाग रही है। उन्होंने इसे ‘पार्लियामेंटोफोबिया’ नाम की बीमारी बताया, जिसमें सरकार संसद का सामना नहीं करती।
गौरतलब है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारत व पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान और सीडीएस अनिल चौहान के भारतीय लड़ाकू विमान गिरने पर सिंगापुर में दिए बयान पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की 17 पार्टियों ने तीन जून को नई दिल्ली में बैठक की थी, जिसमें विशेष सत्र सेशन बुलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी गई थी।