नई दिल्ली। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन एक दिन और टल गया है। अब शुभांशु बुधवार, 11 जून को अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना होंगे और अगले दिन 12 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी आईएसएस से जुड़ेंगे। आईएसएस पर जाने वाले वे पहले भारतीय हैं और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय। उनसे पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। वे इस मिशन के ग्रुप कैप्टेन हैं। इस मिशन के चार एस्ट्रोनॉट इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरेंगे।
एक्सिओम का यह मिशन तीसरी बार टला है। सोमवार को इसे खराब मौसम की वजह से टाल दिया गया। बहरहाल, स्पेस के लिए रवाना होने से पहले रविवार को शुभांशु ने फुल ड्रेस फाइनल रिहर्सल की। इसमें असेंबली बिल्डिंग से रॉकेट तक जाने और उसमें बैठने के प्रोसेस को फॉलो किया गया। इस दौरान शुभांशु ने कहा, ‘यह एक बेहतरीन यात्रा रही है। ये पल बताते हैं कि आप किसी ऐसी चीज का हिस्सा बनने जा रहे हैं जो आपके खुद से बहुत बड़ी है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे मिशन का हिस्सा बनने का अवसर मिला’।
गौरतलब है कि एक्सिओम मिशन 4 में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। यह मिशन 10 जून 2025 को शाम पांच बज कर 52 मिनट पर लॉन्च होने वाला था। लेकिन अब मिशन 11 जून को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। आईएसएस पर निर्धारित डॉकिंग का समय गुरुवार की रात का है। इस यात्रा के दौरान शुभांशु भारत और नासा दोनों के लिए प्रयोग करेंगे। माना जा रहा है कि इस यात्रा से भारत को गगनयान प्रोजेक्ट में मदद मिलेगी। भारत ने इस मिशन पर करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
शुभांशु आईएसएस पर जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी। बहरहाल, एक्सिओम 4 मिशन के चालक दल में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के सदस्य शामिल हैं। शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। शुभांशु ने 12वीं के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा पास की और वहां से वायु सेना में गए। अंतरिक्ष मिशन पर रवाना होने से पहले रविवार को उनके घर लखनऊ में पूजा पाठ का आयोजन हुआ और उनके माता पिता के साथ साथ शहर के लोगों ने मिशन की सफलता की कामना की।