कोलंबो। दो साल पहले आए आर्थिक संकट के बाद एक बार फिर श्रीलंका के लोग राष्ट्रपति का चुनाव करने जा रहे हैं। शनिवार, 21 सितंबर को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। इसके लिए कुल 32 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच है। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे मुकाबले में पिछड़ रहे हैं। पिछली बार राजपक्षे परिवार की मदद से वे राष्ट्रपति बन गए थे। चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षणों में वे तीसरे स्थान पर बताए जा रहे हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव से पहले हुए सर्वे के मुताबिक नेशनल पीपुल्स पावर यानी एनपीपी गठबंधन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके रेस में सबसे आगे हैं। वे चीन समर्थक माने जाते हैं। अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना, जेवीपी के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। अनुरा दिसानायके की खास बात यह है कि उन्होंने चुनाव प्रचार में श्रीलंका के लोगों से वादा किया है कि जीतने के बाद वे भारत की कंपनी अडानी समूह के प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे। उन्होंने अडानी के प्रोजेक्ट को श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा बताया है।
अनुरा के अलावा राष्ट्रपति की रेस में तीन और बड़े उम्मीदवार हैं। सर्वे में विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी बहुत कम बताई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में दो साल पहले का आर्थिक संकट लोगों की याद में अब भी है। इसी वजह से पिछले दो दशक से सबसे ताकतवर रहा राजपक्षे परिवार रेस से बाहर होता दिख रहा है।
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