नई दिल्ली। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार की वार्ता शुरू हो गई है। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की उप समिति के साथ बैठक हुई, जिसमें लेह एपेक्स बॉडी यानी एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी केडीए के तीन तीन प्रतिनिधि शामिल हुए। इनके अलाव लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा जान और उनके वकील भी बैठक में शामिल हुए। गौरतलब है कि छह अक्टूबर को वार्ता होने वाली थी लेकिन 24 सितंबर की हिंसा के बाद वार्ता टल गई थी।
बुधवार को बैठक के बाद केडीए के सदस्य सज्जाद हुसैन कारगिली ने कहा, ‘पिछले छह सालों से हमारी मांग लद्दाख में लोकतंत्र की रही है। इसका समाधान लद्दाख को राज्य का दर्जा देना है। यह मुद्दा एक या दो बैठकों में नहीं सुलझ सकता। इसके लिए एक प्रक्रिया की ज़रूरत होगी, और यह प्रक्रिया जारी है’। कारगिली ने कहा, ‘हमने लद्दाख में आरक्षण नीति लागू करने पर भी बातचीत की। हमने 24 सितंबर की घटना में गिरफ्तार लोगों की रिहाई पर भी बात की, जिसमें सोनम वांगचुक भी शामिल हैं। हमने हिसा में मारे गए लोगों के परिजन और घायल हुए लोगों के लिए मुआवजा भी मांगा है’।
बताया गया है कि बुधवार की बैठक में हुई वार्ता के नतीजों का आकलन करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति, जिसकी अध्यक्षता गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय कर रहे हैं, उसके साथ अगले दौर की वार्ता आयोजित होगी। गौरतलब है कि लद्दाख के प्रतिनिधियों ने 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद छह अक्टूबर की बैठक से दूरी बना ली थी। उस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। उसके दो दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया। उनको जोधपुर की जेल में रखा गया है।


