राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

प्रदूषण पर अदालत ने मांगा जवाब

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के मसले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा की सरकारों से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई चार सौ से ऊपर हो गया है और गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसके खतरनाक स्तर पर जाने के बाद बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई की और पंजाब व हरियाणा सरकारों से रिपोर्ट मांगी है कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।

सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि इस समय ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप का तीसरा चरण लागू किया गया है, जबकि पूरी दिल्ली और एनसीआर में ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाना चाहिए क्योंकि कुछ जगहों पर एक्यूआई 450 से ऊपर चला गया है। उन्होंने अदालत को बताया कि, ग्रैप का तीसरा चरण लागू है लेकिन कोर्ट के बाहर भी खुदाई का काम हो रहा है, कम से कम अदालत परिसर में तो यह नहीं होना चाहिए।

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि निर्माण गतिविधियों के संबंध में कार्रवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र और सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने नासा की उपग्रह तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि कहा कि पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पराली जलाना शुरू हो गया है, जिससे दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली हो रही है।

चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि वे मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को करेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीन नवंबर को दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण मामले में सुनवाई की थी। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी सीएक्यूएम को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *