नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर यानी तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम् में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट के मामले की जांच सीबीआई के निदेशक की निगरानी में होगी। इस मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने जांच के लिए एक विशेष जांच टीम यानी एसआईटी बनाने का आदेश दिया है। इस कमेटी में सीबीआई और राज्य पुलिस के दो दो अधिकारी होंगे और साथ ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एफएसएसएआई का एक अधिकारी भी रहेगा। जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे।
इससे पहले, एक अक्टूबर की सुनवाई में आंध्र पुलिस ने मामले की एसआईटी जांच रोक दी थी। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, राज्य सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी, तिरुपति मंदिर की तरफ से सिद्धार्थ लूथरा और तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी की तरफ से कपिल सिब्बल ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा- हमारे आदेश को स्टेट एसआईटी सदस्यों की स्वतंत्रता या निष्पक्षता पर सवाल के तौर पर न देखा जाए। हम केवल देवता में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को देखते हुए नई एसआईटी बना रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि जगन मोहन की सरकार के दौरान लड्डू में बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया। उसके बाद से यह विवाद चल रहा है।
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