nayaindia Adani-Hindenburg Case अडानी मामले में फैसला सुरक्षित

अडानी मामले में फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने सोमवार तक सभी पक्षों से लिखित दलीलें मांगी हैं। शुक्रवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा- हमें अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। हिंडनबर्ग यहां मौजूद नहीं है, हमने सेबी से जांच करने को कहा है।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने कहा कि वह जांच के लिए अब और समय नहीं मांगेगी। गौरतलब है कि आठ महीने से सेबी इस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर धनशोधन से लेकर शेयर में छेड़-छाड़ जैसे आरोप लगाए थे। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। इसके अलावा सेबी को भी जांच करने के लिए कहा था, लेकिन सेबी अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सेबी को सभी 24 मामलों में जांच पूरी करनी होगी। इससे पहले, सेबी ने 25 अगस्त को अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि उसने 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को पूरी तरह सत्य के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता का परीक्षण करने का कोई साधन नहीं है और इसलिए सेबी से जांच करने को कहा गया है।

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बाजार नियामक, सेबी की कार्रवाई संदिग्ध है क्योंकि उनके पास 2014 से अडानी से जुड़ी डिटेल्स हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय यानी डीआरआई ने 2014 में सेबी चेयरमैन के साथ ये डिटेल्स शेयर की थी। हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को किसी अखबार में छपी खबर, चाहे वह ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में ही क्यों न हो, को सच्चाई के रूप में लेने के लिए नहीं कहा जा सकता।

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