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01-05-2025 Vol 19

आठ भारतीयों को फांसी की सजा

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नई दिल्ली। इजराइल और हमास की जंग के बीच अरब देश कतर में आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है। कतर ने गुरुवार, 26 अक्टूबर भारतीय नौ सेना से जुड़े रहे आठ लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इन सभी पर जासूसी का आरोप है। कोई आठ महीने पहले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल सितंबर में यह गिरफ्तारी हुई थी।

सजा सुनाए जाने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा- मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं। विस्तृत फैसले का इंतजार किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। यह भी कहा गया कि मंत्रालय सभी कौंसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा और फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएगा।

गिरफ्तार किए गए सभी अधिकारी भारतीय नौसेना में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। उनके ऊपर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। बताया जा रहा है इन आठ लोगों में प्रतिष्ठित अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी। ये लोग फिलहाल डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे, जो कि एक प्राइवेट कंपनी है और कतर के सशस्त्र बलों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी सर्विस मुहैया करती है।

फांसी की सजा पाए पूर्व नौसेना अधिकारियों के नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश। इन सभी को जासूसी के आरोप में पूछताछ करने के लिए इनके स्‍थानीय निवास से गिरफ्तार किया गया था। खबरों के मुताबिक, इन आठ भारतीयों की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज की गई थीं। बताया जा रहा है कि भारत शीर्ष स्तर से यह मुद्दा उठाने की कोशिश करेगा हालांकि कतर इस मामले में कोई नरमी नहीं दिखा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि भारतीय एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तान ने भारत के पूर्व नौसैनिकों को फंसाया है।

NI Desk

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