तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग में नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम संधि इसलिए आगे नहीं बढ़ सकी क्योंकि हमास महिला बंधकों को रिलीज करने को तैयार नहीं है। कहा जा रहा है कि हमास नहीं चाहता है कि महिलाएं बाहर आकर बताएं कि उनका यौन शोषण किया गया है, उनके साथ बलात्कार हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष बैठक में यह बात उठी।
संयुक्त राष्ट्र संघ में इजराइल के राजदूत गिलाड एर्दान ने कहा- सात अक्टूबर को इजराइल ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा जनसंहार देखा। इजराइलियों पर की गई ज्यादतियां आईएसआईएस और हिटलर के किए अत्याचारों से भी बुरी थी। उन्होंने कहा- हमास ने परिवारों को जिंदा जलाया, माता-पिता के सामने बच्चों के सिर कलम किए। उनके अपराध यहीं नहीं रुके। हमास ने रेप और यौन हिंसा का इस्तेमाल हथियारों की तरह किया।
इजराइल के राजदूत ने कहा- हैरानी की बात ये है कि इन ज्यादतियों पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं चुप रहीं। मैं साढ़े तीन साल से यूएन में इजराइल का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, लेकिन मैंने कभी यूएन की एजेंसियों का ऐसा व्यवहार नहीं देखा। इजराइल ने सबूत के तौर पर म्यूजिक फेस्ट में बचने वाले लोगों की गवाही के वीडियो चलाए। इनमें एक गवाह ने कहा कि हमास ने महिलाओं के निजी अंगों पर गोलियां चलाईं। हालांकि, इजराइली महिलाओं से बलात्कार के आरोपों को हमास ने सिरे से खारिज किया है। हमास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये यहूदियों की फैलाई झूठ है, ताकि वो फिलस्तीनी आंदोलन को बदनाम कर सकें।