इज़राइल आखिर हासिल क्या करना चाहता है?
दुनिया भर में राजनीतिक गहमागहमी है। वैश्विक शतरंज की बिसात पर मोहरे इधर-उधर हो रहे है लेकिन इज़राइल अकेला है जो एक जगह अडिग खड़ा हुआ है, भौहें तनी हुईं, आँखों में आग, और इरादों में वही पुराना रूख, अड़ियल आत्मविश्वास। उसे न वैश्विक आलोचना की परवाह, न अलग-थलग पड़ने का डर है और न तबाह, नष्ट होने की आशंका। इज़राइल लगातार आक्रामक है। आज भी बदला लेते हुए है। एक ऐसी जिद्द के साथ जो अब लगभग सभी को निर्दयी, अहंकारी, और अविचल लगने लगी है। और ऐसा होना इसलिए भी है क्योंकि उसकों ले कर अंतरराष्ट्रीय चुप्पी और...