नई दिल्ली। गाजा पट्टी पर हमले को लेकर इजराइल की मुश्किलें बढ़ रही हैं। नार्वे, स्पेन और आयरलैंड द्वारा फिलस्तानी को मान्यता दिए जाने के बाद अब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे ने गाजा के रफाह पर हमला रोकने का आदेश दिया है। आईसीजे ने इजराइल से कहा है कि वह तत्काल हमले रोके। आईसीजे ने अपने आदेश में फिलस्तीनी के लोगों के लिए जोखिम का हवाला देते हुए यह आदेश दिया है। इससे पहले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गिरफ्तारी का वारंट जारी करने की तैयारियों की खबर आई थी, जिससे पूरी दुनिया में हलचल मच गई थी।
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इजराइल को रफाह में अपने सैन्य आक्रमण और अन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकना चाहिए। गौरतलब है कि सात मई को इजराइल ने रफाह पर हमला शुरू किया। बताया जा रहा है कि इस हमले से 18 मई तक करीब आठ लाख फिलस्तीनी विस्थापित हो गए। आईसीजे के जजों संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ये जोखिम अब साकार होने लगे हैं और यदि हमला जारी रहा तो यह और बढ़ जाएगा। हालांकि युद्ध रोकने के किसी भी आदेश का इजराइल द्वारा पालन करने की संभावना नहीं है।
इस बीच पिछले दिनों इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के मुख्य अभियोजक करीम खान ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आवेदन किया। इससे पूरी दुनिया में हलचल पैदा हो गई है। नॉर्वे ने सबसे पहले नेतन्याहू को अपनी सीमा में गिरफ्तार करने का ऐलान किया। पिछले दिनों नॉर्वे सरकार ने कहा कि अगर हेग ट्रिब्यूनल बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करता है और वे हमारे क्षेत्र में आते हैं तो हम प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट को गिरफ्तार कर लेंगे।