राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

उल्फा के एक गुट के साथ केंद्र का समझौता

नई दिल्ली। असम के अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम, उल्फा के एक बड़े गुट के साथ शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार का एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इस समझौते के साथ ही बड़ी संख्या में उल्फा के कैडर ने हथियार डाले और समर्पण किया। शुक्रवार  हुए शांति समझौते में हिंसा छोड़ने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की बात कही गई है। मणिपुर के एक अलगाववादी संगठन के बाद असम के इस संगठन से हुए शांति समझौते से पूर्वोत्तर के लिए बड़ा सकारात्मक संकेत मिला है।

बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में यह शांति समझौता हुआ। इस समझौते के साथ ही अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल चली बिना शर्त बातचीत का समापन हो गया है। शांति समझौते के साथ सात सौ कैडरों ने भी समर्पण किया है। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर में उल्फा का सशस्त्र संघर्ष का बरसों पुराना इतिहास है। इस शांति समझौते से असम में लंबे समय से चले आ रहे विद्रोह का अंत होने की उम्मीद है।

इससे पहले मणिपुर के सबसे पुराने विद्रोही हथियारबंद समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, यूएनएलएफ ने ठीक एक महीना पहले 29 नवंबर को दिल्ली में शांति समझौते पर दस्तखत किए थे। यह ग्रुप हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया था। यूएनएलएफ ने यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से ग्रुप पर कई साल पहले लगे बैन को पांच साल बढ़ाने के बाद लिया।

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *