पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के सरकार से बाहर होने के एक दिन बाद सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से पूछताछ की। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी ने लालू प्रसाद से 10 घंटे तक तक पूछताछ की। सुबह 11 बजे से शुरू हुई पूछताछ रात नौ बजे तक जारी रही। नौ बजे लालू प्रसाद बाहर निकले और अपनी बेटी मीसा भारती के साथ आवास पर गए। बताया जा रहा है कि जमीन के बदले नौकरी के मामले में ईडी ने लालू प्रसाद से 50 के करीब सवाल पूछे।
लालू प्रसाद के बाद इसी मामले में ईडी को उनके बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी पूछताछ करनी है। ईडी ने उनको 30 जनवरी को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है। बहरहाल, सोमवार को लालू प्रसाद से पूछताछ के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता और नेता ईडी कार्यालय के सामने डटे रहे। पूर्व मंत्री श्याम रजक, आलोक मेहता आदि पार्टी समर्थकों को लेकर कार्यालय के बाहर बैठे रहे। ईडी कार्यालय के बाहर जमा लालू समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की। राजद समर्थकों की नारेबाजी और प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
इससे पहले लालू प्रसाद सोमवार की सुबह 11 बजे बेटी मीसा भारती के साथ पहुंचे। लालू को छोड़ कर मीसा भारती ईडी कार्यालय के सामने दादी जी मंदिर में पूजा करने चली गईं। मीसा ने लालू प्रसाद के लिए ईडी कार्यालय में खाना पहुंचाया और दो बार दवा भी पहुंचाई। लालू प्रसाद को किडनी डोनेट करने वाली उनकी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्विट करके कहा कि उनके पिता बिना सहारे के नहीं चल पाते हैं इसके बावजूद ईडी ने उनके साथ किसी सहायक को नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता को कुछ हुआ तो जिम्मेदारी एजेंसी की होगी।
बहरहाल, जब शाम सात बजे तक लालू प्रसाद की पूछताछ समाप्त नहीं हुई तो उनकी बेटी और राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती एक बार फिर ईडी कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि उनके अपने पिता से मिलने दिया जाए। हालांकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। उन्होंने वहां हंगामा कर रहे राजद नेताओं को भी शांत रहने के लिए कहा और साथ ही यह भी कहा कि ज्यादा हंगामा होगा तो पूछताछ में और ज्यादा समय लग जाएगा। वे एक घंटे से ज्यादा समय तक ईडी कार्यालय के गेट पर खड़ी रहीं।