माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ रही हैं। अपनी भारत विरोधी नीतियों और बयानों की वजह से वे विपक्ष के निशाने पर हैं। संसद में हंगामे के बाद दो पार्टियों ने उनके खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि 34 सांसद महाभियोग लाने के लिए तैयार हो गए हैं। गौरतलब है कि मालदीव की संसद में कुल 87 सदस्य हैं। बहरहाल, मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेकिट पार्टी यानी एमडीपी राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने पर सहमत हो गई है। एमडीपी के पास संसद में बहुमत है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए जरूरी हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। एमडीपी के एक सदस्य ने सोमवार दोपहर स्थानीय मीडिया समूह ‘द सन’ को इसकी जानकारी दी। मालदीव में दो प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीति का विरोध किया है। एमडीपी और डेमोक्रेट्स ने कहा- भारत सबसे ज्यादा समय से हमारा सहयोगी रहा है। ऐसे किसी देश को दरकिनार करना देश के विकास के लिए सही नहीं है।
‘द सन’ ने मालदीव के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘अधाहधू’ के हवाले से कहा कि एमडीपी और डेमोक्रेट दोनों के प्रतिनिधियों सहित कुल 34 सदस्यों ने राष्ट्रपति मुइज्जू के महाभियोग के प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। ये प्रस्ताव रविवार को मालदीव की संसद में हंगामे के कारण लाया नहीं जा सका था। मालदीव की संसद में एनडीपी और डेमोक्रेट्स के सांसदों के पास 87 में से 56 सीटें हैं, जबकि महाभियोग प्रस्ताव के लिए कुल 54 वोट की जरुरत है। उधर मुइज्जू के साथ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और उनकी अपनी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस हैं।