Monday

21-04-2025 Vol 19

मणिपुर में यूएनएलएफ से शांति समझौता

नई दिल्ली। मणिपुर में करीब सात महीने से चल रही जातीय हिंसा के बीच शांति बहाल करने और अलगाववाद को खत्म करने की दिशा में सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई महीनों से की जा रही कोशिशों के बाद बुधवार को मणिपुर के सबसे पुराने और सबसे बड़े अलगाववादी समूह ने स्थायी शांति समझौते के लिए मंजूरी दे दी है। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट यानी यूएनएलएफ ने बुधवार को स्थायी शांति समझौते पर दस्तखत कर दिए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके इस शांति समझौते के बारे में जानकारी दी। गृह मंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर साइन किए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर के ज्यादातर विद्रोही संगठनों का राज्य में आधार खत्म हो चुका था लेकिन मई के पहले हफ्ते में भड़की हिंसा के बाद सभी संगठन फिर से सक्रिय हो गए हैं।

बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मणिपुर के घाटी स्थित सबसे पुराने आर्म्ड ग्रुप यूएनलएफ हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं। शांति और प्रगति के रास्ते पर उनकी यात्रा के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ मणिपुर के नाम से भी जाना जाता है। मणिपुर में सक्रिय इस अलगाववादी विद्रोही समूह का मकसद एक संप्रभु और समाजवादी मणिपुर की स्थापना करना था। लेकिन अब इसके विद्रोहियों ने हथियार छोड़ देने का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें करीब दो सौ लोग मारे गए हैं। मणिपुर की आबादी में मैती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी आदिवासी की आबादी 40 फीसदी हैं। ये मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *