भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में सारे अनुमानों को गलत साबित करते हुए तीन बार के विधायक डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। तीन दिसंबर को आए चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम की चर्चा हो रही थी लेकिन उनमें मोहन यादव का नाम नहीं था। सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक में आम सहमति से मोहन यादव का नाम तय किया गया। बताया जा रहा है कि जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल दो उप मुख्यमंत्री होंगे और नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष हो सकते हैं।
उत्तर और मध्य भारत की सबसे बड़ी ओबीसी जाति यादव का मुख्यमंत्री बना कर भाजपा ने बड़ा दांव चला है। इससे पहले पार्टी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया। बहरहाल, सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा। इससे पहले 15 साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
डॉ. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। भाजपा ने तय किया है कि मध्य प्रदेश सरकार में इस बार दो उप मुख्यमंत्री भी होंगे। इसके लिए जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का नाम तय होने की खबर है। जगदीश देवड़ा मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ से विधायक हैं। वे एससी वर्ग से आते हैं। ब्राह्मण समुदाय से आने वाले राजेंद्र शुक्ला रीवा सीट से विधायक हैं। मुरैना के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा के अध्यक्ष बन सकते हैं। तोमर मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक हैं।
तीन दिसंबर को नतीजे आने के बाद सबसे ज्यादा संभावना शिवराज सिंह चौहान की मानी जा रही थी। वे चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं और लाड़ली बहना सहित उनकी कई योजनाओं का योगदान भाजपा की जीत में माना जा रहा है। उनके अलावा प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर के नाम भी लगातार सुर्खियों में बने हुए थे। कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सीएम पद के प्रबल दावेदारों में गिने जा रहे थे तो कुछ लोग प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम पर भी कयास लगा रहे थे। लेकिन सबको पीछे छोड़ कर मोहन यादव राज्य के नए मुख्यमंत्री की रेस जीत गई।