श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सेना के काफिले पर हुए हमले के मामले में सेना ने जिन आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी उनमें से तीन लोगों की रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई है। इलाके में तलाशी अभियान के दौरान सेना ने शुक्रवार देर शाम तीन लोगों के शव बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि मृतक उन आठ लोगों में शामिल थे, जिनसे गुरुवार को हुए हमले के सिलसिले में पूछताछ हुई थी।
मृतकों की पहचान सफीर हुसैन, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद के रूप में की गई है। इन तीनों को सेना पर हुए हमले में संदिग्ध माना जा रहा था। तीन लोगों की रहस्यमय मौत के बाद पुंछ और राजौरी जिलों में शनिवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी गईं। बताया जा रहा है कि सेना ने जिन आठ लोगों से पूछताछ की थी, उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें पूछताछ के नाम पर इन्हें प्रताड़ित करने का दावा किया गया।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के सुरनकोट में गुरुवार को सेना के काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इसमें पांच जवान शहीद हो गए थे। बताया जा रहा है कि इस हमले में चार आतंकवादी शामिल थे। सुरक्षा बलों ने उनकी तलाश तेज कर दी गई है। इस बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने तीनों मृतकों के परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
उधर मुठभेड़ की जगह पर यानी बफलियाज इलाके में सुरक्षाकर्मियों की नए सिरे से तैनाती की गई है। हमले में शामिल चार आतंकियों की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने अमेरिकी एम-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायर की थीं। ये स्टील बुलेट सेना की गाड़ियों की मोटी लोहे की चादर को पार करते हुए जवानों को लगीं। इसमें पांच जवान शहीद हो गए। दो जवान घायल हैं, जिनकी हालत गंभीर है। पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि एम-4 राइफल आतंकवादियों के पास पाकिस्तानी हैंडलरों से आई थी। ये राइफल उस जखीरे का हिस्सा हैं, जो अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से जाते समय वहां छोड़ गई थी।