nayaindia Rahul Gandhi प्राण प्रतिष्ठा राजनीतिक फंक्शन: राहुल

प्राण प्रतिष्ठा राजनीतिक फंक्शन: राहुल

कोहिमा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन मंगलवार को नगालैंड पहुंचे। राजधानी कोहिमा में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कांग्रेस पार्टी के नेता अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में क्यों नहीं जाएंगे। राहुल ने कहा यह पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम है, जिसे चुनावी रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का फंक्शन है। इसे पूरी तरह से चुनावी कलेवर दिया गया है।

राहुल गांधी ने शंकराचार्यों के इस कार्यक्रम में नहीं जाने का हवाला देते हुए कहा- हिंदू धर्म के जो लीडर, अथॉरिटी हैं, उन्होंने कहा है कि वो इस राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने वहां जाने से इनकार किया था। उन्होंने कहा- जहां तक धर्म की बात है, हम सभी धर्मों के साथ हैं। हम ये कहना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी से जो भी अयोध्या जाना चाहे, वो जा सकता है। जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ पर्सनल रिश्ता रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं। जो धर्म के साथ पब्लिक रिश्ता रखते हैं, वो धर्म का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा- मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं। इसलिए मैं लोगों की इज्जत करता हूं, अहंकार से नहीं बोलता, नफरत नहीं फैलाता। ये मेरे लिए हिंदू धर्म है। हम नफरत और बंटा हुआ हिंदुस्तान नहीं चाहते हैं। हम मोहब्बत और भाईचारे का हिंदुस्तान चाहते हैं। राहुल गांधी ने विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर की राजनीति और सीट बंटवारे से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया और दावा किया कि गठबंधन चुनाव लड़ेगा और जीतेगा।

उन्होंने कहा- सीट शेयरिंग को लेकर हमारी बातचीत जारी है। ज्यादातर जगह आसान है, कुछ एक जगह पर थोड़ा मुश्किल है, लेकिन सीट शेयरिंग का मुद्दा हम आसानी से सुलझा लेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाए जाने को लेकर हुए विवाद पर राहुल ने कहा- छोटी-छोटी समस्या हैं, जो दूर हो जाएंगी। हम सभी में समन्वय है।

अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए राहुल गांधी ने कहा- कन्याकुमारी से कश्मीर तक चली पिछली यात्रा ऐतिहासिक रही थी। लोगों ने हमसे कहा कि ईस्ट से वेस्ट या वेस्ट से ईस्ट की भी यात्रा होनी चाहिए। इसके बाद ईस्ट से वेस्ट करना तय हुआ। शुरुआत मणिपुर से की है। उन्होंने मणिपुर की हिंसा का जिक्र करते हुए कहा- मणिपुर के साथ बहुत अन्याय हुआ। पहली बार हिंदुस्तान के किसी राज्य में महीनों से हिंसा चल रही है। पीएम मोदी और बीजेपी के लोग यहां आए तक नहीं। पीएम ने नगालैंड से किया अपना वादा पूरा नहीं किया है।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें