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विनेश ने खेल रत्न लौटाया

नई दिल्ली। केंद्रीय खेल व युवा मामलों के मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है और विवादित पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया है पर उनके ऊपर आरोप लगाने वाले पहलवानों की नाराजगी दूर नहीं हुई है। साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने और बजरंग पुनिया के पद्मश्री पुरस्कार लौटाने के बाद अब विनेश फोगाट ने अपना खेल रत्न पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार और अर्जुन अवार्ड लौटाने की घोषणा की है। गौरतलब है कि कई महिला पहलवानों के साथ विनेश ने भी पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। विनेश ने महिलाओं पहलवानों के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार का मुद्दा भी उठाया है और सवालिया लहजे में कहा है कि क्या हम देशद्रोह हैं?

विनेश ने प्रधानमंत्री को लिखी दो पन्नों की चिट्ठी में कहा है कि उन्होंने अपना हाल बताने के लिए यह चिट्ठी लिखी है। विनेश ने केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे का भी जिक्र किया है और तंज भी किया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि महिला पहलवान क्या सिर्फ विज्ञापनों में छपने के लिए हैं। विनेश ने लिखा है- साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा।

विनेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम दो पन्नों की अपनी चिट्ठी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा- हमारे मेडल्स, अवॉर्ड्स को 15 रुपए का बताया जा रहा है। लेकिन ये मेडल्स हमें जान से भी प्यारे हैं। जब हमने ये मेडल्स जीते थे तब हमें देश का गौरव बताया गया था। अब मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन आने लगी है। उन्होंने आगे लिखा है- मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था, जिनका अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है। इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापस करना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ न बन सकें। विनेश ने कहा कि इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद।

विनेश फोगाट ने बेहद भावुक चिट्ठी में लिखा है- मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है। बस यही दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो। पर हमारी जिंदगी उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिलकुल नहीं है। उन्होंने लिखा है- कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है, उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुट कर जी रही हैं।

By NI Desk

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