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अमेरिकी दबाव में यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा

यूरोपीय आयोग ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का अपना 19वां पैकेज यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया है। यह पैकेज, अमेरिका की दखलअंदाजी और उसके बढ़ते दबाव के कारण एक सप्ताह की देरी के बाद पेश किया गया है। 

यूरोपीय आयोग की मुख्य प्रवक्ता पाउला पिन्हो ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को ब्रुसेल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम पुष्टि करते हैं कि आयोग ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के एक नए पैकेज यानी 19वें पैकेज का प्रस्ताव रखा है।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की कि नया पैकेज “रूसी बैंकों, क्रिप्टो परिसंपत्तियों और ऊर्जा आयात” को टारगेट करेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूरोप की लगभग 19 प्रतिशत गैस आपूर्ति अभी भी तुर्कस्ट्रीम पाइपलाइन और लिक्विफाइड नेचुरल (एलएनजी) शिपमेंट के माध्यम से रूस से आ रही है, इसलिए यूरोपीय संघ नए प्रतिबंधों के हिस्से के रूप में रूसी एलएनजी पर प्रतिबंध लगाने में तेजी लाने पर भी विचार कर रहा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताहांत में, ट्रंप ने यूरोपीय सहयोगियों से रूसी तेल की शेष खरीद को रोकने का आह्वान किया है, और यह भी सुझाव दिया है कि समूह सात और नाटो के सदस्य रूस के ऊर्जा निर्यात को सुविधाजनक बनाने वाले देशों पर शुल्क लगाएं। उनका दावा है कि रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए ऐसे कदम आवश्यक हैं।

उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, “आयोग रूसी जीवाश्म ईंधन आयात को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी प्रस्ताव रखेगा। रूसी जीवाश्म ईंधनों को चरणबद्ध तरीके से 1 जनवरी, 2028 तक समाप्त करने की योजना है।

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नए यूरोपीय संघ प्रतिबंध पैकेज को मूल रूप से पिछले शुक्रवार को सदस्य देशों के समक्ष प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि, यूरोपीय संघ की एक उच्च-स्तरीय टीम की वाशिंगटन यात्रा और समन्वय के प्रयासों के कारण इसमें एक सप्ताह की देरी हो गई। यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा की कीमतों में उतार-चढ़ाव या आपूर्ति की कमी से बचने के लिए प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक चरणबद्ध तरीके से अमल में लाया जाएगा।

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष क्रिस्टोफ ह्यूसगेन ने यूरोपीय संघ से हंगरी और स्लोवाकिया पर रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए दबाव बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हंगरी अभी भी अपना लगभग 60 प्रतिशत तेल रूस से आयात करता है, जबकि स्लोवाकिया अपनी लगभग 75 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है।

यूक्रेन ने 19वें प्रतिबंध पैकेज को शीघ्र अपनाने का आग्रह किया है। यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक्स पोस्ट में कहा था कि रूस को संघर्ष के लिए संसाधनों से वंचित करने के लिए “अटलांटिक के पार समन्वित कदम” जरूरी हैं। उन्होंने कहा अब ध्यान 19वें पैकेज को और भी सख्त बनाने पर होना चाहिए।

इस बीच, रूस ने लंबित प्रतिबंधों के असर को कम करके आंका है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वाशिंगटन और ब्रुसेल्स की ओर से नियमित रूप से दी जा रही धमकियों का “कोई असर नहीं होगा और इससे कुछ भी नहीं बदलेगा।” उन्होंने रूसी ऊर्जा को छोड़ने के यूरोपीय संघ के प्रयास की भी आलोचना की, इसे “आत्मघाती ” बताते हुए चेतावनी दी कि ब्रुसेल्स खुद को थका रहा है।

2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ 18 प्रतिबंध पैकेज लगाए हैं, जिनमें वित्त, तकनीक और ऊर्जा को टारगेट किया गया है।

Pic Credit : ANI

By Naya India

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