राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

डॉ. मनमोहन सिंह और जिमी कार्टर की अंत्येष्टि का फर्क!

अपन तो कहेंगे
अपन तो कहेंगे
डॉ. मनमोहन सिंह और जिमी कार्टर की अंत्येष्टि का फर्क!
Loading
/

नमस्कार, मैं हरिशंकर व्यास, दिवंगत मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि को लेकर देश में जिसतरह की घटिया राजनीति हुई उसने सबको शर्मसार किया और इसका जिक्र हमें एक बार फिर इसलिए करना पड़ रहा है कि क्योंकि अभी अमेरिका में भी एक पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की अंत्येष्टि हुई। लेकिन इस दौरान अमेरिकी राजनीति ने ऐसी मिसाल पेश और वो पहले से भी ऐसा ही करते रहे जिसे देखकर विकसित और विकासशील देशों के सोच-विचार और सियासी संस्कृति का अंतर साफ-साफ नजर आ जाता है। इसलिए कॉलम अपन तो कहेंगे में इस बार मेरे विचार का शीर्षक है

By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *