महाराष्ट्र की राजनीति में किसी बड़ी उथल-पुथल की चर्चा नहीं हो रही है। सब कुछ पूरी तरह से शांत है, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिव सेना के विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा के स्पीकर का फैसला आना है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को 10 जनवरी तक का समय दिया था। वह समय सीमा बुधवार को खत्म हो रही है। बताया जा रहा है कि स्पीकर ने सारी सुनवाई पूरी करके फैसला तैयार कर लिया है और वे बुधवार को फैसले का ऐलान करेंगे। कुछ समय पहले तक ऐसा लग रहा था कि यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने वाला होगा। लेकिन फैसला आने से पहले बिल्कुल शांति छाई हुई है।
पहले माना जा रहा था कि एकनाथ शिंदे को अयोग्य ठहराया जा सकता है क्योंकि शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से शुरुआत में सिर्फ 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील की गई थी। हालांकि बाद में अलग होने वाले विधायकों की संख्या 40 हो गई। लेकिन अगर 15 सदस्यों की अयोग्यता पर फैसला होता है तो शिंदे और 14 विधायक अयोग्य हो जाएंगे। तभी माना जा रहा था कि अजित पवार मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि देवेंद्र फड़नवीस ने तमनाम आशंकाओं को खारिज करते हुए साफ कर दिया था कि शिंदे अयोग्य हो गए तब भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। लेकिन अब कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग के फैसले को आधार बनाते हुए स्पीकर कह सकते हैं कि टूटने वाले विधायकों की संख्या 40 है इसलिए 15 लोगों पर अलग से विचार नहीं हो सकता है और 40 लोगों का टूटना दलबदल कानून के मुताबिक है। बहरहाल, अगर स्पीकर 15 लोगों को अयोग्य करते हैं शिंदे गुट कोर्ट जाएगा और अगर फैसला उनके पक्ष में आता है तो उद्धव गुट कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।