राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के तीसरे दिन यानी पांच दिसंबर को अपराधियों ने करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगीमेड़ा के घर में घुस कर उनकी हत्या कर दी। उनके साथ उनके एक सहयोगी को भी गोली मारी गई। दिनदहाड़े हुई इस हत्या के बाद कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ी है। कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य में जंगल राज आ गया। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आदतन इसके लिए मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि क्या राजस्थान में जंगल राज को लेकर किसी चैनल पर कोई बहस हुई है।
तभी यह सवाल है कि राजस्थान में अभी किसका राज है? क्या अशोक गहलोत अभी राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं हैं? चुनाव हारने के बाद उन्होंने राज्यपाल से मिल कर इस्तीफा सौंप दिया लेकिन तकनीकी रूप से वे अभी मुख्यमंत्री हैं। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनको कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने को कहा है। इसलिए कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी अब भी उसी की है, जो सरकार में है। इस मामले में कांग्रेस नेता वैसे ही विवाद कर रहे हैं, जैसे अपराध होने के बाद अलग अलग थाना क्षेत्र की पुलिस के बीच होता है। अगर कांग्रेस यह सोचती है कि चुनाव हारते ही निवर्तमान सरकार की सारी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है तो उसे इस बात की पहल करनी चाहिए कि चुनाव से पहले या तुरंत बाद, जब तक सत्ता हस्तांतरण नहीं हो जाता है तब तक राज्यपाल के हाथ में सरकार की कमान रहे।