nayaindia Varun Gandhi वरुण गांधी की कविता का क्या मतलब है?

वरुण गांधी की कविता का क्या मतलब है?

भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने अपने चुनाव क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में एक तुकबंदी पढ़ी। उन्होंने कहा- तुम्हारी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी मिला आटा, दाल, चना। भाजपा के एक सांसद का इस तरह तंज करना मामूली बात नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन बेरोजगारी की दर देश में बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ही देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में पांच किलो अनाज बांट रहे हैं। पिछले साल चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार एक एक किलो दाल भी बांट रही थी। इन दोनों बातों का मजाक वरुण ने उड़ाया।

सवाल है कि इसक राजनीतिक मतलब क्या है? क्या सुल्तानपुर से भाजपा के सांसद वरुण गांधी अपनी स्वतंत्र राजनीति का रास्ता बना रहे हैं? यह सही है कि भाजपा के प्रवक्ता अभी उनका नाम लेकर उनकी आलोचना नहीं कर रहे हैं लेकिन सबको पता है कि वे जिस रास्ते  पर चल रहे हैं वह रास्ता उनको भाजपा से दूर ले जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले उनकी मां मेनका गांधी को दूसरी बार मंत्री नहीं बनाया और वरुण गांधी को भी सरकार में शामिल नहीं किया। उनको पार्टी संगठन में भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। पिछले दिनों वे केदारनाथ की यात्रा के दौरान राहुल गांधी से भी मिले और दोनों के बीच कोई 45 मिनट तक बातचीत हुई। उस मुलाकात के बाद ही भाजपा सरकार की नीतियों के ऊपर वरुण का हमला हुआ। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि वे कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन यह जरूर है कि वे भाजपा से अलग राजनीति करने का रास्ता बना रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अलग राजनीति अपनी पार्टी बना कर करते हैं या बिना पार्टी के करते हैं या किसी पार्टी से जुड़ कर करते हैं।

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