कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद और शराब कारोबारी धीरज साहू की कोई खबर नहीं है। उनके यहां ईडी ने छापा मारा था और कई दिन की कार्रवाई के बाद 536 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए थे। यह ईडी के इतिहास में सबसे ब़डी नकदी बरामदगी थी। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार ट्विट किया और कहा कि यह लूट का पैसा है और लुटेरों से पाई-पाई वसूली जाएगी। भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस पर खूब हमला किया। धीरज साहू को कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार के प्रतीक के तौर पर पेश किया गया। लेकिन अचानक धीरज साहू की चर्चा बंद हो गई। चर्चा बंद होने से पहले उन्होंने कहा था कि यह कारोबार का पैसा है और उनका परिवार एक सौ साल से शराब के कारोबार में है।
अब सवाल है कि 536 करोड़ रुपया जिस व्यक्ति के पास से नकद बरामद हुआ उसे ईडी ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया? क्या ईडी ने धीरज साहू को समन जारी किया है? उनको पूछताछ के लिए बुलाया है? इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। सोचें, पिछले हफ्ते ईडी ने हरियाणा में इनेलो के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के छापा मारा। उनके यहां पांच करोड़ रुपए और कुछ हथियार बरामद हुए। ईडी ने उनको गिरफ्तार कर लिया है। झारखंड में आईएएस पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां से 20 करोड़ रुपए मिले तो पूजा सिंघल और उनका अकाउंटेंट दोनों गिरफ्तार हो गए। पश्चिम बंगाल में पार्था चटर्जी और उनकी करीबी एक महिला के यहां दो बार में 50 करोड़ रुपए मिले तो दोनों गिरफ्तार हुए और अभी जेल में हैं। लेकिन जिसके यहां से 536 करोड़ रुपए मिले हैं उसके बारे में कोई खबर नहीं है।