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ध्यान भटकाने के लिए अतीक का ड्रामा

ByNI Political,
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इस समय देश की नंबर एक राजनीतिक घटना राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से सजा मिलना और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त किया जाना है। लेकिन अगर आप टेलीविजन चैनलों को देखें तो उनके लिए सबसे बड़ी घटना उत्तर प्रदेश के गैंगेस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाना और फिर प्रयागराज से साबरमती ले जाना है। राहुल गांधी को 23 मार्च को सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई और 24 मार्च को उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। इसके दो दिन बाद 26 मार्च को अतीक अहमद को साबरमती जेल से निकाल कर प्रयागराज ले जाने का घटनाक्रम शुरू हुआ, जो 29 मार्च की शाम तक जारी रहा। इन पांच दिनों में देश के तमाम न्यूज चैनलों पर लगभग पूरे दिन अतीक अहमद की खबरें चलती रहीं।

साबरमती से प्रयागराज लाए जाने के क्रम में पुलिस का काफिला रूका और अतीक अहमद पेशाब करने के लिए उतरा, तब उसके पेशाब करने का लाइव प्रसारण हुआ। सवाल है कि क्या यह अचानक हुआ या किसी योजना के तहत हुआ? ऐसा लग रहा है कि योजना के तहत टेलीविजन मीडिया के सामने ड्रामे के लायक एक घटना रख दी गई। उत्तर प्रदेश पुलिस के इनकाउंटर करने के इतिहास को देखते हुए यह हवा बनाई गई कि अतीक का इनकाउंटर हो सकता है। अतीक के परिवार ने भी यह डर जाहिर किया और उसके बाद मीडिया में सिर्फ यही खबर चलती रही।

बताया जा रहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतीक को उत्तर प्रदेश से गुजरात जेल ले जाया गया तो उसे विमान से लेकर पुलिस वहां चली गई और कोई ड्रामा नहीं हुआ। उसके बाद सारी सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए। सजा का ऐलान भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो सकता था, लेकिन अतीक को अदालत में लाने का आदेश हुआ और उसके बाद पुलिस ने हवाईजहाज से लाने की बजाय सड़क के रास्ते लाने का फैसला किया। दो घंटे में पुलिस हवाईजहाज से उसको लखनऊ या प्रयागराज ला सकती थी। लेकिन 25 घंटे से ज्यादा की सड़क यात्रा का ड्रामा हुआ। उसके बाद फिर कोर्ट रूम की कार्रवाई, जेल का ड्रामा और फिर वापसी की यात्रा। इस पूरे पांच दिन के ड्रामे में राहुल गांधी का मामला परदे के पीछे चला गया।

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