कांग्रेस की भारत जोड़ो चार महीने चल कर और नौ राज्यों को पार कर दिल्ली पहुंची और नौ दिन के ब्रेक के बाद मंगलवार को फिर शुरू हुई। पूरे चार महीने नौ राज्यों में जितने विवाद नहीं हुए या जितनी चर्चा नहीं हुई उतनी दूसरे चरण की यात्रा से पहले हो गई है। विपक्षी पार्टियो से तालमेल, विपक्षी पार्टियों को न्योता, कोरोना के कारण यात्रा रोके जाने की चर्चा और पंजाब में खालिस्तान समर्थकों द्वारा धमकी जैसी बातों से यात्रा की खूब चर्चा हुई है। दिल्ली से निकल कर उत्तर प्रदेश पहुंचने के बीच विपक्ष का कोई नेता राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं हुआ। लेकिन न्योता सभी पार्टियों को दिया गया।
इसी तरह यात्रा दिल्ली पहुंची तो कोरोना का हल्ला मच गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से पहले ही राहुल गांधी को चिट्ठी लिख कर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया, जबकि उस चिट्ठी के 10 दिन बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने अभी कोई प्रोटोकॉल लागू नहीं किया है। उत्तर प्रदेश से होकर यात्रा हरियाणा के रास्ते पंजाब पहुंचेगी। वहां पहले खालिस्तान समर्थकों ने राहुल की यात्रा का विरोध शुरू कर दिया है और उनको पंजाब आने पर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है। उधर कश्मीर में पहले ही आतंकवादी संगठनों के वारदातें तेज हो गई हैं। नए साल के पहले दो दिन में ही पांच लोगों की हत्या हो चुकी है। पंजाब और कश्मीर की घटनाओं की वजह से बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। इससे पहले सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का अलग विवाद हुआ था। कांग्रेस ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी तो सीआरपीएफ ने बताया कि राहुल ने खुद 113 बार सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ा है। इन विवादों की वजह से यात्रा की खूब चर्चा हो रही है।
Your article gave me a lot of inspiration, I hope you can explain your point of view in more detail, because I have some doubts, thank you.